भिलाई। एमजे ग्रुप आॅफ कॉलेजेस की डायरेक्टर श्रीमती श्रीलेखा विरुलकर ने आज एक किस्सा सुनाते हुए कहा कि हमें अपना आत्मबल इस तरह विकसित करना चाहिए कि कोई कितना भी हमें तोड़ मरोड़ ले, प्रलोभन दे दे पर हमारे मूल्य इससे अप्रभावित रहें। वे एमजे कालेज आॅफ फार्मेसी के फ्रेशर पार्टी को संबोधित कर रही थीं। श्रीमती विरुलकर ने कहा कि सौ रुपए के एक नए नोट की कीमत तोड़ मोड़ देने या भिगो देने पर भी अपरिवर्तित रहता है। उन्होंने फार्मेसी कालेज के छात्रों से कहा कि इस प्रफेशन में पैसे तो आते ही हैं पर समय के साथ मूल्यों का ह्रास भी होता है। श्रीमती विरुलकर ने कहा, लोग छोटी मोटी बीमारियों में स्वयं ही अपना इलाज करने लगते हैं और उन्हें कोई भी दवा अक्रॉस द काउंटर उपलब्ध हो जाती है। यहां तक कि नींद और बीपी की दवा भी लोग बिना डाक्टर के प्रेस्क्रिप्शन के खरीद लेते हैं और कई बार स्वयं को नुकसान पहुंचा लेते हैं। उन्होंने कहा कि इस पेशे में एथिक्स को सर्वोपरि रखने की जरूरत है।
कार्यक्रम को एमजे कालेज के प्राचार्य डॉ कुबेर सिंह गुरुपंच ने भी संबोधित किया। एमजे कालेज आॅफ फार्मेसी के प्राचार्य डॉ टिकेश्वर कुमार ने महाविद्यालय के बारे में संक्षिप्त जानकारी देते हुए छात्रों से अधिक से अधिक क्लास अटेंड करने का आग्रह किया। इस अवसर पर फार्मेसी कालेज के प्राध्यापकगण सीमा कश्यप, सूरज श्रीवास्तव, अंशुल राम, चंद्रकांता पारकर, अंजलि वाहने के अलावा प्रशासक वीके चौबे, शिक्षा संकाय की अध्यक्ष डॉ श्वेता भाटिया, नर्सिंग कालेज की प्राचार्य सी कन्नम्मल, चरनीत कौर, सेवक राम देवांगन, संदीप धर्मेन्द्र, सौरभ मंडल, आशीष कुमार सोनी, अंजुम शाहीन, रजनी कुमारी, डॉ जेपी कन्नौजे, उर्मिला यादव, शकुन्तला जलकारे, अर्चना त्रिपाठी, परविन्दर कौर, सरिता चौबे, नेहा महाजन, मंजू साहू, ममता एस राहुल, सीमा कश्यप, सिजी थॉमस, प्रवीण आर., पूर्णिमा दास, जे डैनियल, खेमनलाल, प्रियंका एस, मधु कुमारी सहित महाविद्यालय परिवार के अन्य सदस्य उपस्थित थे।
इस अवसर पर फार्मेसी कालेज के छात्र-छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए तथा सीनियर्स ने जूनियर्स के लिए गेम्स भी आयोजित किये।