भिलाई। एमजे कालेज के विद्यार्थियों को बोड़ेगांव निवासी छात्र गोकरण ने छिंद क्राफ्ट बनाना सिखाया। एमजे कालेज के विद्यार्थी यहां एनएसएस का सात दिवसीय कैम्प कर रहे हैं। छिंद आदिवासी जीवन का एक अटूट हिस्सा रहा है। इसका फल जहां भूख मिटाता है वहीं इसके पेड़ का रस डिहाइड्रेशन से बचाता है। इसके पत्ते सजावट के काम आते हैं। गोकरण अब नंदकट्ठी के हाईस्कूल का छात्र है। उसे क्राफ्ट का शौक बचपन से ही है। गुरूवार को एनएसएस कैम्प में भारतीय स्टेट बैंक के पूर्व अधिकारी रविशंकर अखौरी, योग प्रशिक्षक डॉ अलका दास भी यहां पहुंचे हुए थे। उन्होंने गोकरण की कलाकृति की प्रशंसा करते हुए उसे पुरस्कृत भी किया। गोकरण ने बताया कि छिंद के पत्तों से सजावटी सामान बनाने का गुर उसने गांव में ही सीखा। सराहना मिली तो उसका उत्साह बढ़ा। अब वह विभिन्न अवसरों पर पत्तों से कलाकृतियां बनाता है। इससे गुलदस्ता, गुलदान, वॉल हैंगिंग, आदि बनाया जा सकता है। मुकुट और जेवर भी बनाए जा सकते हैं। उसने यह कला एनएसएस शिविरार्थियों को भी सिखाई।