• Thu. May 2nd, 2024

Sunday Campus

Health & Education Together Build a Nation

लक्ष्य निर्धारित कर निरंतर प्रयास करें, मिलेगी सफलता : डॉ कुलदीप

Dec 14, 2018

Dr Bhupendra Kuldeepबोड़ेगांव। हेमचंद विश्वविद्यालय के उप कुलसचिव डॉ भूपेन्द्र कुलदीप ने कहा कि लक्ष्य निर्धारित कर निरंतर प्रयास करने से सफलता अवश्य मिलती है। उन्होंने बताया कि पीएससी के माध्यम से उच्च प्रशासनिक पद हासिल करने के लिए उन्हें भी बार-बार असफलता का सामना करना पड़ा पर उन्होंने प्रयास जारी रखा और लक्ष्य को हासिल कर लिया। डॉ कुलदीप यहां एमजे कालेज की एनएसएस इकाई द्वारा आयोजित शिविर के बौद्धिक सत्र को संबोधित कर रहे थे। डॉ कुलदीप ने बताया कि उनके पिता चाहते थे कि उनका पुत्र उच्च प्रशासनिक पद नियुक्त हो। उन्होंने पिता का सपना पूरा करने की कोशिश की। उनकी पत्नी श्रीमती कमला कुलदीप भी इस परीक्षा की तैयारी कर रही थी। पहली बार में प्रिलिम्स भी पास नहीं कर पाए। दूसरी बार में मेन्स तक पहुंचे। पांच साल तक कोशिश करने के बाद उन्हें वांछित पद प्राप्त हो गया। पर यह दिन देखने के लिए उनके पिता जीवित नहीं रहे। यह दर्द जीवन भर सालता रहेगा।उन्होंने बच्चों से कहा कि वे अपने माता पिता के सपनों को पूरा करने का प्रयास करें। माता पिता अपने बच्चों के लिए अपना सर्वस्व त्यागने को तत्पर होते हैं पर बच्चे सफल होने के बाद उन्हीं को भूल जाते हैं। एक प्रसंग का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि महासमुन्द का एक बालक उनके यहां ट्यूशन पढ़ता था। उसका मेडिकल में सेलेक्शन हो गया पर डीडी जमा करने के लिए पांच लाख रुपए नहीं थे। उन्होंने छात्र के पिता से बात की और वे सहर्ष अपना मकान बेचने को तैयार हो गये। बेटे का मेडिकल में दाखिला कराने के लिए वे किराए के मकान में शिफ्ट हो गए। समय आने पर बेटा डाक्टर बन गया। जिन्दल ग्रुप में उसकी नौकरी लग गई। उसने 5 लाख में बेचा गया वही मकान खरीदकर अपने पिता के चरणों में समर्पित कर दिया। माता पिता के लिए इससे बड़ी खुशी का कोई और पल नहीं होता।
डॉ कुलदीप ने कहा कि हममे से प्रत्येक को अपनी क्षमता के अनुरूप लोगों की मदद करनी चाहिए। इससे जो खुशी मिलती है वही जीवन को परिपूर्ण करती है।
छात्रों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि विषयों का चयन सावधानी पूर्वक करें। सभी विषयों में काफी ऊंचाई तक ले जाने की संभावना होती है। अलग अलग विषयों में की गई पढ़ाई अच्छे करियर में बाधक बनती है। उन्होंने कहा कि अंतिम लक्ष्य तक पहुंचने से पहले आत्मनिर्भर हो जाना अच्छा रहता है। इससे तनाव कम हो जाता है और परिणाम बेहतर आते हैं। परिवार पर निर्भरता कम होती है तो परिवार भी तनाव मुक्त रहता है। स्वयं उन्होंने एक निजी महाविद्यालय में प्राध्यापक की नौकरी करते हुए पीएससी की तैयारी की।
आरंभ में एमजे कालेज के प्राचार्य डॉ कुबेर सिंह गुरुपंच ने अतिथि का स्वागत करते हुए उनका संक्षिप्त परिचय दिया। एनएसएस अधिकारी डॉ जेपी कन्नौजे ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस अवसर पर श्रीमती कमला कुलदीप, उदय कुलदीप, सहा. प्राध्यापक दीपक रंजन दास, पूजा केसरी, शकुन्तला जलकारे, परविन्दर कौर सहित एनएसएस के स्वयंसेवक एवं ग्रामीण बच्चे बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

Leave a Reply