दुर्ग। शासकीय डॉ. वा.वा. पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय के कौशल विकास केन्द्र के प्रयासों से 30 छात्राएँ जिनमें नियमित एवं पूर्व छात्राएँ शामिल है ने उद्यमी बनने कृत संकल्प किया है। छत्तीसगढ़ इण्डस्ट्रियल एवं टेक्नीकल कंसलटेन्सी सेंटर एवं राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के तत्वाधान में एक माह के प्रशिक्षण का समापन हुआ। सिटकॉन के राज्य प्रमुख प्रसन्न निमोनकर ने समारोह में छात्राओं को प्रमाणपत्र दिए तथा सफल उद्यमी बनने के महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर प्रकाश डाला। डॉ. निमोनकर ने कहा कि इस प्रशिक्षण के उपरांत आगे क्या-क्या चरण होगें उसके संबंध में जानकारी देते हुए समूह में तथा एकल प्रणाली उद्योग के लिए प्रेरित किया। उन्होनें कहा कि मेहनत, लगन एवं संघर्ष से ही प्रारंभिक चरण में सफलता मिलती है। पत्थर के तरासने से मूर्ति बनती है वहीं कई पत्थर राह के किनारे यूं ही पड़े रहकर ठोकर खाते रहते है। इसी कारण बाधायें एवं तकलीफ से हारना नहीं बल्कि सीखना चाहिए।
सिटकॉन की प्रशिक्षण प्रभारी श्रीमती प्रतिमा गुप्ता ने बताया कि एक माह के प्रशिक्षण में विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रायोगिक एवं सैद्धांतिक प्रशिक्षण दिया गया जिसमें व्यक्तित्व विकास, उद्योग व्यवसाय-चयन, बाजार सर्वेक्षण, स्थानीय संसाधन की जानकारी, पैंकेजिंग एवं मूल्य निर्धारिण तथा ऋण प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी गयी। परियोजना तैयार करना एवं रिपोर्ट बनाना सिखाया गया।
इस एक माह के प्रशिक्षण में बैंक अधिकारियों एवं सी.ए. तथा उद्योगों से जुड़े व्यवसायियों ने भी छात्राओं को अनुभव सांझा किए तथा प्रशिक्षण दिया।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सुशील चन्द्र तिवारी ने कहा कि विगत 2 वर्षों से सतत् रूप से छात्राओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। लघुउद्योग, कुटीर उद्योग में कई छात्राओं ने सफल प्रयास किये है जो कि बड़ी उपलब्धि है। अभी भी महाविद्यालय के कौशल विकास केन्द्र द्वारा कुकिंग, ब्यूटीशीयन एवं ड्रेस डिजाईनिंग पर कायर्शाला एवं प्रशिक्षण दिया जावेगा। आत्मनिर्भरता की दिशा में छात्राओं को प्रेरित एवं मजबूत करने के प्रयास में सिटकॉन एवं नई दिल्ली के राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग का सहयोग उल्लेखनीय है जिनके माध्यम से लगातार नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
महाविद्यालय के कौशल विकास केन्द्र प्रभारी डॉ. बबिता दुबे ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए बताया कि छात्राओं ने बहुत ही प्रभाशाली व उपयोगी प्रोजेक्ट प्रस्तुत किए है जिस पर आगे की कायर्वाही प्रारंभ कर दी गयी है। प्रतिभागी छात्राओं में कु. तब्बसुम, कु. रानू, कुं. आनंदिता ने अपने विचार रखे तथा इस प्रशिक्षण को महत्वपूर्ण एवं उपयोगी बताया।
सिटकॉन के प्रशिक्षक सुप्रभात शील ने कहा कि छात्राओं ने मार्केटिंग के साथ औद्योगिक इकाईयों में जाकर महत्वपूर्ण जानकारी हासिल की है जो उन्हें स्वरोजगार की दिशा में मदद देगी।
छात्राओं ने वाशिंग पावडर, नैप्थलीन गोली, कैंडल, ब्रेकरी प्रोडक्ट, फिनायल, लिक्विड सोप, अगरबत्ती आदि बनाने का प्रशिक्षण लिया और इनका विक्रय कर आर्थिक लाभ भी प्राप्त किया।
सिटाकॉन के प्रमुख प्रसन्न निमोनकर ने महाविद्यालय में स्थायी उद्यमिता सेंटर की स्थापना की घोषणा की जिससे छात्राओं को लगातार मदद मिल सकेगी। अंत में डॉ. बबिता दुबे ने आभार प्रदर्शित किया।