भिलाई। कॉमर्स गुरू डॉ संतोष राय ने आज कहा कि समाज को कुछ लौटाना, गरीबों की, जरूरतमंदों की मदद करना हमारा शौक नहीं बल्कि हमारा दायित्व है। वे श्री शंकराचार्य महाविद्यालय में विवेकानंद जयंती पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। ‘मेरी सफलता का मंत्र’ के थीम पर आयोजित इस कार्यक्रम को मिट्ठू, सीए प्रवीण बाफना, सीए दिव्या रत्नानी ने भी संबोधित किया। डॉ संतोष राय ने कहा कि कोई भी पिता यह नहीं चाहेगा कि उसकी एक संतान खूब सुख भोगे और दूसरी संतान फाकों में रहे। इसलिए यदि आपके पास प्रचुर है तो गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा करें। यह ईश्वर की ही सेवा होगी।युवाओं को सफलता के मंत्र देते हुए उन्होंने कहा कि नकारात्मकता फैलाने वालों से धीरे धीरे दूरी बना लें। ऐसे लोग आपकी सफलता की राह में सबसे बड़ी बाधा बन जाते हैं। अपने एक एक मिनट का सकारात्मक एवं रचनात्मक उपयोग करें। लक्ष्य निर्धारित कर पूरी लगन और समर्पण के साथ उसकी साधना करें, सफलता अवश्य मिलेगी।
मिट्ठू मैडम ने युवाओं से अपना कम्फर्ट जोन त्यागकर बाहर आने का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि बाज के दो बच्चे थे। एक बच्चा तो आकाश में ऊंचा उड़ता और खूब कलाबाजियां खाता पर दूसरा हमेशा शाख पर ही बैठा रहता। राजा ने बहुत कोशिश की कि वह भी उड़े और अपने पंखों को तौले पर सभी पूरी कोशिश करने के बाद भी विफल रहे। ऐसे में एक किसान ने आलसी बाज को उड़ाने की जिम्मेदारी ली। दूसरे दिन राजा ने देखा कि दोनों बाज आकाश में ऊंचा उड़ रहे हैं और करतब दिखा रहे हैं। हैरान राजा ने किसान से पूछा कि उसने ऐसा कैसे किया तो किसान ने हंस कर जवाब दिया – ‘मैने उस शाख को ही काट दिया जिसपर यह आलसी बाज बैठा रहता था।’ उन्होंने कहा कि अपने कम्फर्ट जोन को त्यागने के बाद ही लोगों को अपनी क्षमताओं का अहसास होता है और वह ऊंचा उड़ पाता है।
सीए प्रवीण बाफना एवं दिव्या रत्नानी ने भी कहानियों के माध्यम से अपनी बात रखी। इस अवसर पर महाविद्यालय की निदेशक एवं प्राचार्या डॉ. रक्षा सिंह, अतिरिक्त निदेशक डॉ. जे. दुर्गा प्रसाद राव, सुश्री मिट्ठू, श्री प्रवीण बाफना (सी.ए.) सुश्री दिव्या रत्नानी (सी.ए.) एवं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के जिला संयोजक रितेश सिंह ठाकुर एवं महाविद्यालय के प्राध्यापकगण तथा बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थें।
स्वागत भाषण महाविद्यालय के अतिरिक्त निदेशक डॉ. जे. दुर्गा प्रसाद राव ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि यह विषय आज के समय में अत्याधिक प्रासंगिक है हम जो राह पकड़े है वह हमें सही लक्ष्य की ओर ले जा रहा है कि नहीं, कही हम आडम्बर की ओर तो नही भाग रहें है।
इस अवसर पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के जिला संयोजक रितेश सिंह ने भी छात्र-छात्राओं को संबोधित किया और उन्हें स्वामी विवेकानंद जी के आदर्शों पर चलकर राष्ट्र के नव निर्माण में सहयोग देने की बात कही तथा आह्वान किया कि वे भारत की संस्कृति एवं सभ्यता की रक्षा करें।