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आत्महत्या से पहले मिलने लगते हैं संकेत, अपने आसपास रखें नजर : डॉ ममता

Sep 10, 2019

रायपुर। आत्महत्या करने की सोच रहा व्यक्ति कई प्रकार से संकेत देने लगता है। यदि आपके आसपास ऐसे लक्षण किसीमें दिखाई देते हैं तो तुरन्त सचेत हो जाएं और उसकी मदद करें। हालांकि आत्महत्या का अंतिम निर्णय चंद सेकंडों में लिया जाता है पर इसका माहौल बहुत पहले से बन रहा होता है। ऐसा व्यक्ति गुमसुम खोया-खोया सा रहता है, किसी भी गतिविधि में हिस्सा नहीं लेता, भोजन में भी उसकी अरुचि हो जाती है। यह कहना है मनोरोग चिकित्सक डॉ ममता जैन का। डॉ ममता विश्व ‘आत्महत्या निरोधक दिवस’ पर संडेकैम्पस.कॉम से चर्चा कर रही थी।रायपुर। आत्महत्या करने की सोच रहा व्यक्ति कई प्रकार से संकेत देने लगता है। यदि आपके आसपास ऐसे लक्षण किसीमें दिखाई देते हैं तो तुरन्त सचेत हो जाएं और उसकी मदद करें। हालांकि आत्महत्या का अंतिम निर्णय चंद सेकंडों में लिया जाता है पर इसका माहौल बहुत पहले से बन रहा होता है। ऐसा व्यक्ति गुमसुम खोया-खोया सा रहता है, किसी भी गतिविधि में हिस्सा नहीं लेता, भोजन में भी उसकी अरुचि हो जाती है। यह कहना है मनोरोग चिकित्सक डॉ ममता जैन का। डॉ ममता विश्व ‘आत्महत्या निरोधक दिवस’ पर संडेकैम्पस.कॉम से चर्चा कर रही थी।डॉ ममता बताती हैं कि प्रतिवर्ष लगभग आठ लाख लोग आत्महत्या कर लेते हैं। इनमें से अधिकांश किशोरावस्था के होते हैं। पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय से जुड़ी डॉ ममता बताती हैं कि 5 साल पहले एक सर्वेक्षण किया गया था जिसमें सबसे कम उम्र का रोगी एक 9 साल का बच्चा था। तब तक यही माना जाता था कि इतने छोटे बच्चे में भावनात्मक आवेग नहीं हो सकता। जाहिर है कि किशोरावस्था की उम्र घट रही है।
रायपुर। आत्महत्या करने की सोच रहा व्यक्ति कई प्रकार से संकेत देने लगता है। यदि आपके आसपास ऐसे लक्षण किसीमें दिखाई देते हैं तो तुरन्त सचेत हो जाएं और उसकी मदद करें। हालांकि आत्महत्या का अंतिम निर्णय चंद सेकंडों में लिया जाता है पर इसका माहौल बहुत पहले से बन रहा होता है। ऐसा व्यक्ति गुमसुम खोया-खोया सा रहता है, किसी भी गतिविधि में हिस्सा नहीं लेता, भोजन में भी उसकी अरुचि हो जाती है। यह कहना है मनोरोग चिकित्सक डॉ ममता जैन का। डॉ ममता विश्व ‘आत्महत्या निरोधक दिवस’ पर संडेकैम्पस.कॉम से चर्चा कर रही थी।उन्होंने बताया कि हाल ही में उनके पास एक 15 साल का बालक लाया गया। उसमें खतरे के सभी लक्षण दिख रहे थे। उसकी काउंसलिंग की गई और अब वह ठीक है। राजस्थान की एक 27 वर्षीय महिला भी उनके पास लाई गई। उसके भाई ने हाल ही में आत्महत्या की है। संदेह होने पर उसकी पड़ताल करवाई गई। पता चला कि उसने बड़ी मात्रा में नींद की गोलियां इकट्ठा कर ली हैं। उनकी भी काउंसलिंग की जा रही है।
डॉ ममता कहती हैं कि होस्टल में या अकेले रहने वाले बच्चों तथा अपने आसपास अकेले रहने वाले लोगों पर भी नजर रखकर हम आत्महत्या को रोक सकते हैं। ऐसे लोग अपनी मन:स्थिति किसी के साथ शेयर नहीं कर पाते और उनका मनोबल टूट जाता है। वे अलग-थलग खिंचे खिंचे से रहने लगते हैं। खेलकूद या अन्य मनोरंजक गतिविधि में हिस्सा नहीं लेते। फ्रेंड्स के साथ घूमने भी नहीं जाते। अकसर ये मोबाइल या लैपटॉप पर आत्महत्या करने के आसान तरीकों की तलाश कर रहे होते हैं। उन्हें किसी खास दोस्त या करीबी परिजन की जरूरत होती है।
यदि ऐसे किसी व्यक्ति पर नजर पड़े तो स्वयं उसका मन टटोलें। जरूरत पड़ने पर उसके परिवार वालों को इसमें शामिल करें। शहर के मनोरोग चिकित्सक से सम्पर्क करें। बैंगलुरू जैसे शहरों में सप्ताह के सातों दिन 24 घंटे काउंसलिंग की आॅनलाइन सुविधा उपलब्ध है। इनका उपयोग करें।
इन हेल्पलाइन नंबरों को रखें याद
18008434353 सोमवार से शनिवार दिन 12 बजे से रात 8 बजे तक
08322252525 सोमवार से शुक्रवार दोपहर 1 बजे से संध्या 7 बजे तक
8422984528/29/30 प्रतिदिन दोपहर 3 बजे से रात 9 बजे तक
7893078930 सप्ताह के सभी दिन किसी भी समय
यह करें
रायपुर। आत्महत्या करने की सोच रहा व्यक्ति कई प्रकार से संकेत देने लगता है। यदि आपके आसपास ऐसे लक्षण किसीमें दिखाई देते हैं तो तुरन्त सचेत हो जाएं और उसकी मदद करें। हालांकि आत्महत्या का अंतिम निर्णय चंद सेकंडों में लिया जाता है पर इसका माहौल बहुत पहले से बन रहा होता है। ऐसा व्यक्ति गुमसुम खोया-खोया सा रहता है, किसी भी गतिविधि में हिस्सा नहीं लेता, भोजन में भी उसकी अरुचि हो जाती है। यह कहना है मनोरोग चिकित्सक डॉ ममता जैन का। डॉ ममता विश्व ‘आत्महत्या निरोधक दिवस’ पर संडेकैम्पस.कॉम से चर्चा कर रही थी।यदि आपको सबकुछ खत्म होता हुआ सा लग रहा है। आपकी जीने की इच्छा खत्म हो चुकी है। तो अपने किसी करीबी से अपने मन की हालत को शेयर करें। अथवा एक बार ऊपर दिए किसी भी नंबर पर काउंसलर से बात करें।
यदि आपके किसी दोस्त या परिचित में आप आत्महत्या जैसे लक्षण देखते हैं तो तत्काल उसकी काउंसलिंग कराएं। आप एक बेशकीमती जीवन बचा सकते हैं। 

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