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जनवरी 2020 से साइंस कालेज में 6 नये सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम

Sep 7, 2019

आपदा प्रबंधन, मानवाधिकार, पर्यावरण, आईटी व उपभोक्ता संरक्षण होंगे शामिल

दुर्ग। जनवरी 2020 से साइंस कालेज में 6 नये सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम आरंभ किए जायेंगे। प्राचार्य डॉ. आरएन सिंह ने बताया कि भूगर्भशास्त्र विभाग द्वारा सर्टिफिकेट इन डिजास्टर मैनेजमेंट, वनस्पति शास्त्र विभाग द्वारा सर्टिफिकेट इन इन्वायरमेंटल साईंस, राजनीति शास्त्र विभाग द्वारा सर्टिफिकेट इन ह्यूमन राईट्स, कम्प्यूटर साइंस विभाग द्वारा सर्टिफिकेट इन इन्फॉरमेशन टेक्नोलॉजी, कॉमर्स विभाग द्वारा सर्टिफिकेट इन कन्जूमर प्रोटेक्शन, सर्टिफिकेट इन रूरल डेव्हलपमेंट आदि पाठ्यक्रम जनवरी 2020 से आरंभ किये जाना प्रस्तावित है।दुर्ग। जनवरी 2020 से साइंस कालेज में 6 नये सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम आरंभ किए जायेंगे। प्राचार्य डॉ. आरएन सिंह ने बताया कि भूगर्भशास्त्र विभाग द्वारा सर्टिफिकेट इन डिजास्टर मैनेजमेंट, वनस्पति शास्त्र विभाग द्वारा सर्टिफिकेट इन इन्वायरमेंटल साईंस, राजनीति शास्त्र विभाग द्वारा सर्टिफिकेट इन ह्यूमन राईट्स, कम्प्यूटर साइंस विभाग द्वारा सर्टिफिकेट इन इन्फॉरमेशन टेक्नोलॉजी, कॉमर्स विभाग द्वारा सर्टिफिकेट इन कन्जूमर प्रोटेक्शन, सर्टिफिकेट इन रूरल डेव्हलपमेंट आदि पाठ्यक्रम जनवरी 2020 से आरंभ किये जाना प्रस्तावित है। इस आशय का प्रस्ताव स्वशासी महाविद्यालय की अकादमिक कौंसिल की बैठक में लिया गया। सभी पाठ्यक्रम 6 माह की अवधि के होंगे तथा महाविद्यालय के नियमित स्नातक एवं स्नातकोत्तर छात्र-छात्राऐं भी इन सर्टिफिकेट पाठ्यक्रमों में प्रवेश ले सकते है। डॉ. सिंह के अनुसार रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम होने के कारण विद्यार्थियों को इन सर्टिफिकेट पाठ्यक्रमों को पूर्ण करने से लाभ होगा। न्यूनतम शिक्षण शुल्क में आरंभ होने वाले इन पाठ्यक्रमों हेतु शैक्षणिक योग्यता 12वीं उत्तीर्ण रखी गयी है।
स्वशासी प्रकोष्ठ के नियंत्रक डॉ. अनिल कश्यप एवं अकादमिक कौसिंल के सचिव डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि अकादमिक कौसिंल द्वारा लिए गए निर्णय में स्नातक स्तर पर आतंरिक मूल्यांकन परीक्षा के स्थान पर विद्यार्थियों द्वारा असाइनमेंट जमा करने संबंधी प्रणाली लागू की जायेगी। महाविद्यालय में शोध कार्यों को बढ़ावा देने के लिए स्वशासी मद से एक शैक्षणिक सत्र में एक मेजर प्रोजेक्ट तथा 3 माइनर प्रोजेक्ट भी प्राध्यापकों को परीक्षण के पश्चात स्वीकृत करने तथा वांछित निर्धारित राशि उपलब्ध कराने पर भी सहमति बनी। उक्त प्रोजेक्ट प्राप्त करने हेतु प्राध्यापकों को महाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा गठित परीक्षण समिति के समक्ष अपने प्रोजेक्ट से संबंधित पावर प्वाइंट प्रस्तुतिकरण देना होगा।
महाविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव ने बताया कि अकादमिक कौंसिल की बैठक में स्नातकोत्तर कक्षाओं की प्रायोगिक परीक्षाओं में अन्य प्रदेषों के विष्वविद्यालयों अथवा महाविद्यालयों के विशेषज्ञ प्राध्यापकों को बाह्य परीक्षक बनाये जाने पर भी गहन विचार विमर्ष के बाद अनुमोदित किया गया। विद्याथिर्यों एवं शोधकर्ताओं में नवीनतम खोज करने की प्रवृत्ति विकसित करने हेतु सत्र 2019-20 से स्नातक, स्नातकोत्तर, रिसर्च स्कॉलर तथा शिक्षक संवर्ग में पृथक-पृथक ‘इनोवेटिव अवार्ड’ भी दिए जाने की परंपरा आरंभ की जायेगी। महाविद्यालय में विभिन्न स्नातकोत्तर विभागों में विषेषज्ञ प्राध्यापकों/वैज्ञानिकों के आमंत्रित व्याख्यान कराने तथा कला, विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय में राष्ट्रीय सेमीनार आयोजित किए जाने के प्रस्ताव को भी अकादमिक कौसिंल में पारित किया गया। ऐसे विषय जिनमें शैक्षणिक भ्रमण अनिवार्य है उन विषयों हेतु स्वषासी पध्दति के अंतर्गत शैक्षणिक भ्रमण के आयोजन एवं भ्रमण पश्चात् विद्याथिर्यों द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी अनुमोदन किया गया। अकादमिक कौंसिल में लिए गए सभी निर्णयों को अनुमोदन हेतु आगामी गवर्निंग बॉडी की बैठक में प्रस्तुत किया जायेगा।
महाविद्यालय के आईक्यूएसी कक्ष में आयोजित अकादमिक कौसिंल की बैठक की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. आर.एन. सिंह ने की। सदस्य के रूप में जबलपुर के जी.एस. कॉमर्स कालेज के डॉ. एस.के. पाहवा तथा शासकीय आदर्ष विज्ञान महाविद्यालय जबलपुर के डॉ. राजेष तिवारी एवं महाविद्यालय के 18 स्नातकोत्तर विभागों के विभागाध्यक्ष, 4 स्नातक विभागों के विभागाध्यक्ष एवं स्वशासी प्रकोष्ठ के सभी सहायक नियंत्रक तथा अन्य विषेषज्ञ भी बैठक में उपस्थित थे।

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