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जीडीआरसीएसटी में इको-फ्रेंडली गणेश प्रतिमा निर्माण की कार्यशाला का आयोजन

Sep 1, 2019

भिलाई। संतोष रूंगटा ग्रुप द्वारा संचालित जीडी रूंगटा कालेज आॅफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के शिक्षा संकाय द्वारा इको-फ्रेंडली गणेश प्रतिमा निर्माण की दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन 23 एवं 27 अगस्त को किया गया। इस कार्यशाला में लगभग 150 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया और मिट्टी की गणेश प्रतिमाओं के निर्माण के साथ ही उनकी रंगाई एवं साज सज्जा भी की। संतोष रूंगटा ग्रुप के चेयरमैन संतोष रूंगटा की प्रेरणा से आयोजित इस कार्यशाला में शिक्षा संकाय के टुमन पटेल ने मिट्टी की मूर्तियां तैयार करने का प्रशिक्षण दिया।भिलाई। संतोष रूंगटा ग्रुप द्वारा संचालित जीडी रूंगटा कालेज ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के शिक्षा संकाय द्वारा इको-फ्रेंडली गणेश प्रतिमा निर्माण की दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन 23 एवं 27 अगस्त को किया गया। इस कार्यशाला में लगभग 150 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया और मिट्टी की गणेश प्रतिमाओं के निर्माण के साथ ही उनकी रंगाई एवं साज सज्जा भी की। संतोष रूंगटा ग्रुप के चेयरमैन संतोष रूंगटा की प्रेरणा से आयोजित इस कार्यशाला में शिक्षा संकाय के टुमन पटेल ने मिट्टी की मूर्तियां तैयार करने का प्रशिक्षण दिया। भिलाई। संतोष रूंगटा ग्रुप द्वारा संचालित जीडी रूंगटा कालेज ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के शिक्षा संकाय द्वारा इको-फ्रेंडली गणेश प्रतिमा निर्माण की दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन 23 एवं 27 अगस्त को किया गया। इस कार्यशाला में लगभग 150 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया और मिट्टी की गणेश प्रतिमाओं के निर्माण के साथ ही उनकी रंगाई एवं साज सज्जा भी की। संतोष रूंगटा ग्रुप के चेयरमैन संतोष रूंगटा की प्रेरणा से आयोजित इस कार्यशाला में शिक्षा संकाय के टुमन पटेल ने मिट्टी की मूर्तियां तैयार करने का प्रशिक्षण दिया।इसमें मिट्टी को मूर्तियां बनाने के लिए तैयार करने के साथ-साथ मूर्तियों को आकार देने का कौशल सिखाया गया। गणेश की ये प्रतिमाएं पूरी तरह से पर्यावरण हितैषी हैं। इनमें किसी भी प्रकार के घातक रसायनों का उपयोग नहीं किया गया है।
चेयरमैन श्री रूंगटा ने बताया कि मूर्तियों की रंगाई एवं साज सज्जा में घातक रसायनों का प्रयोग एवं मूर्तियों के निर्माण में नॉन बायोडिग्रेडेबल वस्तुओं के उपयोग से न केवल जल स्रोत प्रदूषित हो रहे हैं बल्कि धरती की वर्षाजल को सोखने की क्षमता भी कम हो रही है। मिट्टी की प्रतिमाओं के अधिकाधिक उपयोग से इन दोनों समस्याओं पर काबू पाया जा सकता है। मिट्टी की प्रतिमाएं विसर्जन के एक-दो दिन के अंदर ही घुल कर वापस मिट्टी बन जाती हैं।भिलाई। संतोष रूंगटा ग्रुप द्वारा संचालित जीडी रूंगटा कालेज ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के शिक्षा संकाय द्वारा इको-फ्रेंडली गणेश प्रतिमा निर्माण की दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन 23 एवं 27 अगस्त को किया गया। इस कार्यशाला में लगभग 150 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया और मिट्टी की गणेश प्रतिमाओं के निर्माण के साथ ही उनकी रंगाई एवं साज सज्जा भी की। संतोष रूंगटा ग्रुप के चेयरमैन संतोष रूंगटा की प्रेरणा से आयोजित इस कार्यशाला में शिक्षा संकाय के टुमन पटेल ने मिट्टी की मूर्तियां तैयार करने का प्रशिक्षण दिया।
कार्यशाला के प्रथम दिन मिट्टी को साफ करने तथा उसे गूंथ कर गणेश प्रतिमाओं का निर्माण किया गया। मूर्तियों को सूखने के लिए चार दिन का समय दिया गया। इसके बाद उन्हें प्राकृतिक रंगों से सजाया-संवारा गया। इन प्रतिमाओं का गणेश चतुर्थी पर्व पर पूजन के लिए उपयोग किया जा सकेगा।

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