भिलाई-दुर्ग। छत्तीसगढ़ की अग्रणी कॉमर्स एजुकेशन संस्था डॉ संतोष राय इंस्टीट्यूट द्वारा आयोजित सीटीएस-2019 के पारितोषिक वितरण समारोह में यंग अचीवर्स का मेला सा लग गया। मौका था प्रतिभावान छात्र-छात्राओं के सम्मान और पारितोषिक वितरण का। श्रेष्ठ जनों से सजी इस महफिल में वक्ता भावुक भी हुए और चमत्कृत भी होते रहे। एक अंतहीन सिलसिला चलता रहा उपलब्धियों के सम्मान का। महानायक अमिताभ बच्चन के हमशक्ल पुणे के प्रो. शशिकांत पोडवाल की उपस्थिति ने कार्यक्रम को चार चांद लगा दिए। इस अवसर पर प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के सम्मान का लंबा सिलसिला चला। इसमें विभिन्न स्कूलों से बोर्ड में टॉप करने वाले बच्चों के साथ ही सीएमए में सफलता हासिल करने वाले संस्था के 170 स्टूडेंट्स, सीएमए पूरी करने वाली एक छात्रा, सीएमए फाइनल ईयर के लगभग एक दर्जन छात्र-छात्राओं के साथ लगभग एक दर्जन बच्चों सहित 500 से अधिक विद्यार्थी शामिल थे। सीटीएस में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त छात्रों को क्रमश: 15,000 रुपए का स्व. पुष्पा रानी जी सूरी एवं स्व. खैराती लालजी सूरी पुरस्कार, 10,000 रुपए का स्व. अंजना देवी खटवानी सम्मान, 5,000 रुपए का स्व. स्वामी जी सम्मान एवं स्व.नगिना देवी सम्मान, स्व. शशी पाण्डे सम्मान एवं तृप्ति करमाहे मिश्रा सम्मान दिया गया।
डॉ संतोष राय इंस्टीट्यूट द्वारा प्रतिवर्ष वाणिज्य के क्षेत्र में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों की खोज करने तथा उन्हें सम्मानित करने के लिए कॉमर्स टैलेन्ट सर्च सीटीएस का आयोजन किया जाता है। आयोजन का यह 22वां वर्ष था। होटल रोमन पार्क में आयोजित इस कार्यक्रम को सांसद विजय बघेल, महापौर एवं विधायक देवेन्द्र यादव, श्रीशंकराचार्य महाविद्यालय की प्राचार्य/निदेशक डॉ रक्षा सिंह, डायबेटोलॉजिस्ट डॉ शिवेन्द्र श्रीवास्तव, डॉ प्रमोद राय, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर राजेश चौहान, राष्टरीय अम्पायर आरटी रामचंद्रन, रमेश पटेल, अधिवक्ता राजकुमार तिवारी ने संबोधित किया।
युवा सांसद श्री बघेल ने कहा कि वे स्वयं वाणिज्य स्नातक हैं पर उन दिनों इसमें इतना ग्लैमर नहीं था। इस औद्योगिक नगरी में वाणिज्य का माहौल बनाने में डॉ संतोष राय की बड़ी भूमिका रही है। उन्होंने मैथ्स, साइंस के इस शहर को कॉमर्स सिटी बना दिया। सही मायने में भिलाई को एजुकेशन हब बना दिया।
डॉ शिवेन्द्र बहादुर श्रीवास्तव ने बच्चों को लगे रहो को मंत्र देते हुए कहा कि जो आज अव्वल आए हैं, यदि उन्होंने मेहनत छोड़ दी तो वो जीवन में अव्वल नहीं रह पाएंगे। डॉ रक्षा सिंह ने डॉ संतोष राय एवं उनके विद्यार्थियों की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए निरंतर बेहतर करते रहने की शुभकामनाएं दीं। वहीं अधिवक्ता राजकुमार तिवारी ने कहा कि सफलता के साथ जिम्मेदारी भी आती है, निरंतर बेहतर करनी की, और जब डॉ संतोष राय का नाम जुड़ा हो तो यह जिम्मेदारी और भी बड़ी हो जाती है।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर राजेश चौहान ने कहा कि कोई भी सफलता व्यक्तिगत नहीं होती। इसमें बहुत सारे लोगों का योगदान होता है। क्रिकेट के मैदान में 12वें खिलाड़ी का और अम्पायर के लिए थर्ड अम्पायर का होना भी जरूरी होता है। जो भी करें खुले दिल से करें, आधे अधूरे लोगों को सफलता नहीं मिलती।
डॉ संतोष राय ने अपने चिरपरिचित अंदाज में कहा कि जब वे स्कूल में पढ़ते थे तो पेरेन्ट्स को भिलाई इस्पात संयंत्र की चिमनियों से उठता धुआं दिखाई देता था और उनके मन में अपने बच्चों को इंजीनियर बनाने की ख्वाहिश जागती थी। बुढ़ापे में जब वे अस्पताल के चक्कर काटते थे तो बच्चे को डाक्टर बनाना सूझता था। पर उनकी नजर हमेशा से मेन गेट और मेन हास्पिटल के बीच के स्पेस पर थी। उन्होंने पूरे लगन और मेहनत से काम किया, अच्छे और काबिल लोगों की टीम बनी, मेहनती बच्चे मिले और उपलब्धियां अपने आप झोली में आती रहीं।
प्रो. शशिकांत पोडवाल ने इस अवसर पर महानायक अमिताभ बच्चन के कुछ मशहूर संवादों को प्रस्तुत किया। साथ ही उन्होंने रंग बरसे भीगे चुनरिया जैसे फड़कते गीत भी पेश किए जिसपर बच्चे झूमते रहे। उन्होंने इंस्टीट्यूट की फैकल्टी प्रियंका शर्मा एवं डॉ संतोष राय के साथ केबीसी भी खेला। उन्होंने बताया कि उन्होंने कई फिल्मों में अमिताभ के बॉडी डबल का काम किया है। कुछ मौकों पर उन्होंने महानायक के लिए डबिंग भी की है।
कार्यक्रम का खूबसूरत संचालन अभिषेक राय एवं दिव्या रत्नानी ने किया। कार्यक्रम की रूपरेखा मिट्ठू मैडम, सीए प्रवीण बाफना, सीए केतन ठक्कर, पियूष जोशी, प्रियंका शर्मा, नेहा वर्मा के मार्गदर्शन में संस्था के 35 सीनियर छात्र-छात्राओं की टीम द्वारा वनाई गई थी। कार्यक्रम के अंत में डॉ संतोष राय इंस्टीट्यूट की टीम ने अपने गुरू, प्रेरणा स्रोत एवं मार्गदर्शक डॉ संतोष राय की जीवन यात्रा पर बनी एक वीडियो स्टोरी को स्क्रीन कर कृतज्ञता ज्ञापन किया।