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भिलाई महिला महाविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय सेमिनार, लाइफ स्किल्स के महत्व पर मंथन

Sep 19, 2019

भिलाई। जीवन में आनेवाली चुनौतियों का सामना करने के लिये लाइफ स्किल्स अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। लाइफ स्किल्स से संबंधित इफेक्टिव कम्यूनिकेशन, डिसीजन मेकिंग, स्ट्रेस मैनेजमेंट, क्रिटिकल थिंकिंग आदि एजुकेशन के क्षेत्र में और अधिक प्रभावी हो जाते हैं क्योंकि आज की शिक्षा स्टूडेंट केन्द्रित हो गई है। उक्त उद्गार हेमचंद विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ अरुणा पल्टा ने आज भिलाई महिला महाविद्यालय कही। पदभार ग्रहण करने के बाद वे पहली बार किसी महाविद्यालयीन समारोह को संबोधित कर रही थीं।भिलाई। जीवन में आनेवाली चुनौतियों का सामना करने के लिये लाइफ स्किल्स अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। लाइफ स्किल्स से संबंधित इफेक्टिव कम्यूनिकेशन, डिसीजन मेकिंग, स्ट्रेस मैनेजमेंट, क्रिटिकल थिंकिंग आदि एजुकेशन के क्षेत्र में और अधिक प्रभावी हो जाते हैं क्योंकि आज की शिक्षा स्टूडेंट केन्द्रित हो गई है। उक्त उद्गार हेमचंद विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ अरुणा पल्टा ने आज भिलाई महिला महाविद्यालय में कही। पदभार ग्रहण करने के बाद वे पहली बार किसी महाविद्यालयीन समारोह को संबोधित कर रही थीं।भिलाई। जीवन में आनेवाली चुनौतियों का सामना करने के लिये लाइफ स्किल्स अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। लाइफ स्किल्स से संबंधित इफेक्टिव कम्यूनिकेशन, डिसीजन मेकिंग, स्ट्रेस मैनेजमेंट, क्रिटिकल थिंकिंग आदि एजुकेशन के क्षेत्र में और अधिक प्रभावी हो जाते हैं क्योंकि आज की शिक्षा स्टूडेंट केन्द्रित हो गई है। उक्त उद्गार हेमचंद विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ अरुणा पल्टा ने आज भिलाई महिला महाविद्यालय कही। पदभार ग्रहण करने के बाद वे पहली बार किसी महाविद्यालयीन समारोह को संबोधित कर रही थीं।कुलपति ने कहा कि भिलाई महिला महाविद्यालय अपने टीचर्स तथा स्टूडेंट्स के उच्च ज्ञान स्तर की वजह से सदैव से राज्य में अग्रणी स्थान पर बना हुआ है। महाविद्यालय के शिक्षा संकाय द्वारा आईक्यूएसी के अंतर्गत आयोजित मल्टीडिसिप्लिनरी इंटरनेशनल सेमीनार को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हेमचन्द यादव विश्वविद्यालय सबके सहयोग तथा सुझावों से देश के महत्वपूर्ण विश्वविद्यालयों में शामिल हो जाएगा।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि भिलाई एजुकेशन ट्रस्ट के ट्रस्टी तथा बीईसी ग्रुप के एमडी अरविन्द जैन थे। मौके पर भिलाई एजुकेशन ट्रस्ट के ट्रस्टी तथा सेक्रेटरी सुरेन्द्र गुप्ता, भिलाई महिला महाविद्यालय की प्रिंसिपल डॉ. संध्या मदन मोहन, वाइस प्रिंसिपल डॉ. अनिता नरूला, सेमिनार की संयोजक तथा शिक्षा संकाय की अध्यक्ष डॉ. मोहना सुशांत पंडित, डायट की प्रिंसिपल मंजूलता पशीने सहित कॉलेज के विभिन्न विभागों के हेड, फैकल्टी मेम्बर्स तथा छ.ग. तथा अन्य राज्यों से आये प्रतिभागीगण उपस्थित थे।
स्वागत भाषण में संरक्षक तथा कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. संध्या मदन मोहन ने कहा कि भिलाई महिला महाविद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर नये आयाम स्थापित कर रहा है। इसलिए आज के परिवेश में शिक्षा के क्षेत्र में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे लाइफ स्किल्स विषय पर इस सेमिनार का आयोजन किया गया है।
भिलाई एजुकेशन ट्रस्ट के ट्रस्टी एवं सेक्रेटरी सुरेन्द्र गुप्ता ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन प्रतिभागियों के लिये आपसी विचारों के आदान-प्रदान तथा विषय संबंधी नई जानकारी प्राप्त करने की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं।
भिलाई। जीवन में आनेवाली चुनौतियों का सामना करने के लिये लाइफ स्किल्स अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। लाइफ स्किल्स से संबंधित इफेक्टिव कम्यूनिकेशन, डिसीजन मेकिंग, स्ट्रेस मैनेजमेंट, क्रिटिकल थिंकिंग आदि एजुकेशन के क्षेत्र में और अधिक प्रभावी हो जाते हैं क्योंकि आज की शिक्षा स्टूडेंट केन्द्रित हो गई है। उक्त उद्गार हेमचंद विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ अरुणा पल्टा ने आज भिलाई महिला महाविद्यालय कही। पदभार ग्रहण करने के बाद वे पहली बार किसी महाविद्यालयीन समारोह को संबोधित कर रही थीं।डॉ. मोहना सुशांत पंडित ने कहा कि सेमिनार का विषय और भी महत्वपूर्ण इसलिये हो जाता है क्योंकि विगत सप्ताह ही यूजीसी द्वारा लाइफ स्किल्स पर डिजाइन किया सिलेबस लांच किया है जिसका लक्ष्य भारतीय युवाओं के समग्र व्यक्तित्व विकास का है। उन्होंने बताया कि इस विषय पर सीबीएसई पहले ही कार्य कर रही है और अपने टीचर्स को प्रशिक्षित करने अनेक वर्कशॉप आयोजित किये जा रहे हैं। डॉ. मोहना ने बताया कि इस इंटनेशनल सेमिनार के लिये छत्तीसगढ़ के अलावा महाराष्ट्र, जम्मू एण्ड कश्मीर, उत्तरप्रदेश, झारखण्ड, उड़ीसा, नई दिल्ली सहित विदेशों से भी रिसर्च पेपर प्राप्त हुए तथा अच्छा प्रतिसाद मिला। उन्होंने बताया कि आयोजन के दो-दिनों में प्रतिदिन सेकण्ड हाफ में चुने हुए प्रतिभागियों द्वारा अपने पेपर प्रेजेण्ट किये जायेंगे।
डायट, दुर्ग की प्रिंसिपल श्रीमती मंजूलता पशीने ने अपने संबोधन में कहा कि लाइफ तथा स्किल्स के संबंध में अपने जीवन में सभी जानते हैं पर इसकी सहायता से जीवन की आनेवाली चुनौतियों का सामना करने अपने आपको सक्षम बनाना ही लाइफ स्किल है। धन्यवाद ज्ञापन आॅगर्नाइजिंग सेक्रेटरी नीतू साहू ने तथा संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन डॉ. अर्चना शरण ने किया।
उद्घाटन दिवस के प्रथम सत्र को की-नोट स्पीकर सिंगापुर से आर्इं मिस सूची तथा द्वितीय सत्र को नागपुर यूनिवर्सिटी के शिक्षा संकाय के पूर्व डायरेक्टर डॉ. के.एम. भाण्डारकर ने संबोधित किया।
प्रतिभागियों के पेपर प्रेजेण्टेशन के दौरान सत्र की अध्यक्षता डॉ. पी.के. श्रीवास्तव तथा डॉ. सुमनलता सक्सेना ने की।
इस इंटरनेशनल सेमीनार के प्रायोजक कनेक्टेड एक्सपीरियंस, सिंगापुर तथा भिलाई एजुकेशन ट्रस्ट है। गौरतलब है कि भिलाई एजुकेशन ट्रस्ट द्वारा संचालित भिलाई महिला महाविद्यालय, हॉस्पीटल सेक्टर के सभागार में 19-20 सितम्बर को मल्टीडिसिप्लिनरी इंटरनेशनल सेमीनार का आयोजन किया गया है। सेमीनार का विषय इम्पॉर्टेन्स ऑफ लाइफ स्किल्स इन प्रेजेंट एजुकेशनल सिनेरियो (वतर्मान शैक्षणिक परिदृश्य में जीवन कौशल का महत्व) है। भिलाई महिला महाविद्यालय के डिपाटर्मेंट ऑफ एजुकेशन द्वारा कॉलेज के आईक्यूएसी के अंतर्गत आयोजित यह सेमीनार डिस्ट्रिक्ट इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन एण्ड ट्रेनिंग (डायट), दुर्ग के सहयोग से किया जा रहा है। सेमीनार का मुख्य उद्देश्य लाइफ स्किल्स के माध्यम से रोजाना की दिनचर्या में आनेवाली चुनौतियों से कैसे निपटा जाये इस बात से शिक्षकों, शोधकर्ताओं तथा स्टूडेंट्स को अवगत कराना है। इस इंटरनेशनल सेमीनार के प्रायोजक कनेक्टेड एक्सपीरियंस, सिंगापुर तथा भिलाई एजुकेशन ट्रस्ट है।

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