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यादों के झरोखों से : दैनिक स्वदेश में गणपति पूजन 1992

Sep 6, 2019

भिलाई। दैनिक स्वदेश में गणपति जी की पूजा बड़े धूम-धाम के साथ होती थी। संपादक बलदेव भाई शर्मा पूर्ण विधि विधान एवं निष्ठा पूर्वक यजमान का आसन संभालते थे। सम्प्रति वे नेशनल बुक ट्रस्ट, नई दिल्ली के अध्यक्ष हैं। आरती का दायित्व यामिनी रामपल्लीवार पर होता था। यामिनीजी इन दिनों दैनिक लोकमत नागपुर में सम्पादक हैं। हम सभी संपादन सहयोगी पालथी मारकर पूजा एवं हवन में शामिल होते थे। स्वदेश अंचल का पहला रंगीन दैनिक अखबार था। एपल मैकिनटोश कम्प्यूटरों से लैस इसी अखबार में हमने कम्प्यूटर सीखा। इस अखबार के लिए मुझे कार्टून स्ट्रिप बनाने का भी मौका मिला।भिलाई। दैनिक स्वदेश में गणपति जी की पूजा बड़े धूम-धाम के साथ होती थी। संपादक बलदेव भाई शर्मा पूर्ण विधि विधान एवं निष्ठा पूर्वक यजमान का आसन संभालते थे। सम्प्रति वे नेशनल बुक ट्रस्ट, नई दिल्ली के अध्यक्ष हैं। आरती का दायित्व यामिनी रामपल्लीवार पर होता था। यामिनीजी इन दिनों दैनिक लोकमत नागपुर में सम्पादक हैं। हम सभी संपादन सहयोगी पालथी मारकर पूजा एवं हवन में शामिल होते थे। स्वदेश अंचल का पहला रंगीन दैनिक अखबार था। एपल मैकिनटोश कम्प्यूटरों से लैस इसी अखबार में हमने कम्प्यूटर सीखा। इस अखबार के लिए मुझे कार्टून स्ट्रिप बनाने का भी मौका मिला। भिलाई। दैनिक स्वदेश में गणपति जी की पूजा बड़े धूम-धाम के साथ होती थी। संपादक बलदेव भाई शर्मा पूर्ण विधि विधान एवं निष्ठा पूर्वक यजमान का आसन संभालते थे। सम्प्रति वे नेशनल बुक ट्रस्ट, नई दिल्ली के अध्यक्ष हैं। आरती का दायित्व यामिनी रामपल्लीवार पर होता था। यामिनीजी इन दिनों दैनिक लोकमत नागपुर में सम्पादक हैं। हम सभी संपादन सहयोगी पालथी मारकर पूजा एवं हवन में शामिल होते थे। स्वदेश अंचल का पहला रंगीन दैनिक अखबार था। एपल मैकिनटोश कम्प्यूटरों से लैस इसी अखबार में हमने कम्प्यूटर सीखा। इस अखबार के लिए मुझे कार्टून स्ट्रिप बनाने का भी मौका मिला।श्री आडवाणी द्वारा निकाली गई रथयात्रा का संपादक के साथ जाकर टेमरी में छत्तीसगढ़ प्रवेश पर स्वागत करने का भी अवसर प्राप्त हुआ। तब से आज तक सीखने का क्रम जारी है। इसी अखबार ने हमें सिखाया कि किसी भी संस्थान की पूरी जिम्मेदारी लिये बिना गति नहीं है। इसी अखबार में काम करने के दौरान दो बड़ी घटनाएं हुर्इं। राजीव गांधी जी की हत्या और अभिनेत्री दिव्या भारती का आकस्मिक निधन। इन दो घटनाओं का जिक्र इसलिए, कि, इन दोनों घटनाओं ने हमें विचलित किया था।

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