दुर्ग। शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय में साहित्यिक समिति द्वारा ‘थियेटर एण्ड लाईफ’ पर कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला में नेशनल सकूल ऑफ़ ड्रामा दिल्ली एवं इंटरनेशनल ख्याति प्राप्त उज्जवल सिन्हा आमंत्रित थे। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. आर.एन. सिंह ने अपने उद्बोधन में रंगमंच की महत्ता एवं प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। साहित्यिक समिति की संयोजक डॉ. सुचित्रा गुप्ता द्वारा उज्जवल सिन्हा का संक्षिप्त परिचय दिया एवं रंगमंच का जीवन से संबंध पर प्रकाश डाला। अभिनय हमारे जीवन का अभिन्न अंग है इसके बावजूद हम इससे अनभिज्ञ रहते हैं। जीवन के हर क्षेत्र में हर व्यक्ति कोई न कोई भूमिका निभाता है। हर व्यक्ति का दृष्टिकोण भिन्न होता है। अपनी कार्यशाला में ज्जवल सिन्हा ने कई उदाहरणों के साथ छात्र-छात्राओं को थियेटर के बेसिक से अवगत कराया। ‘ऐक्टिंग’, ‘परफॉरमेंस’, ‘माइम’ एवं अन्य गतिविधियों में छात्र-छात्राओं के साथ प्राध्यापकों ने भी पूरे उत्साह के साथ भाग लिया।
इस कार्यशाला का आयोजन छात्रों में रंगमंच के प्रति जागरूकता लाना एवं उनमें सकारात्मकता, आत्मविश्वास, अभिव्यक्ति एवं आत्ममंथन करने की क्षमता लाना था। कार्यक्रम के अंत में डॉ. तरलोचन कौर द्वारा धन्यवाद ज्ञापन दिया गया। उक्त कार्यशाला का संचालन डॉ. ज्योति धारकर द्वारा किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में समिति के सदस्य डॉ. जे.पी. साव, डॉ.के. पद्मावती, डॉ. कृष्णा चटर्जी, डॉ. ज्योति धारकर एवं डॉ. तरलोचन कौर, डॉ. सुरेखा जैन, डॉ. बलजीत कौर एवं डॉ. रजनीष उमरे का पूर्ण सहयोग रहा।