भिलाई। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में वार्षिक उत्सव एवं पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन श्री गंगाजली शिक्षण समिति के अध्यक्ष आई.पी. मिश्रा के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. दीपक शर्मा, सीओओ स्वामी श्री स्वरूपांनद सरस्वती महाविद्यालय ने की एवं विशेष अतिथि के रुप में डॉ. मोनिषा शर्मा, सीओओ शंकराचार्य कॉलेज ऑफ नर्सिंग व प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला उपस्थित हुई। इस अवसर पर प्रतिभावान छात्र-छात्राओं व सालभर की गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया।
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने वर्षभर चलने वाले गतिविधियों व विकास को रेखांकित करते हुये प्रतिवेदन पढ़ा व कहा विद्यार्थियों ने विविध क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है उनका सम्मान किया जा रहा है विद्यार्थियों का सम्मान महाविद्यालय का सम्मान है। हर विद्यार्थी में कोई न कोई प्रतिभा होती है जैसा प्लेटफार्म मिले वैसे अपने प्रतिभा का प्रदर्शन करना चाहिए।
मुख्य अतिथि श्री मिश्रा ने कहा कि विश्वविद्यालय प्राणीण्य सूची में पंद्रह विद्यार्थियों ने अपनी जगह बनाई है यह अत्यंत गर्व की बात है। हमें अभी और प्रयास करना चाहिये जिससे पढ़ाई के क्षेत्र में और आगे बढ़े, उत्कृष्ट स्थान हासिल करे व मेरिट लिस्ट में विद्यार्थियों की संख्या बढ़े। खेल के क्षेत्र में महाविद्यालय का प्रदर्षन बहुत अच्छा है जिन्हें पुरस्कार मिला है उन्हें बधाई जिन्हें नहीं मिला है उसे प्रयास करने की आवष्यकता है।
डॉ. मोनिषा शर्मा ने विद्याथिर्यों की हौसला अफजाई करते हुये कहा आज का दौर बहुमुखी प्रतिभा का है इसलिये विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ पाठ्येत्तर गतिविधियों में भी आगे आना चाहिये।
अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. दीपक शर्मा ने कहा प्रतिभावान विद्यार्थियों को पुरस्कृत करने से विद्याथिर्यों के हौसले बढ़ते है स्वरुपानंद महाविद्यालय के विद्याथिर्यों ने शैक्षणिक व अशैक्षणिक विशेषत: खेल के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का परचम फहराया है। विद्यार्थियों को खिलाड़ियों से खेल भावना से खेलना सीखना चाहिये जिसमें प्रतिस्पर्धा तो होती है पर ईर्श्या व बैर की भावना नहीं होती।
वार्षिक उत्सव का प्रारंभ अंजली द्वारा प्रस्तुत लावणी से हुआ जिसने मॉं नव दुर्गा के नव रुपों को प्रस्तुत कर दर्शकों को भक्ति से सराबोर कर दिया। श्रुति अहीर व प्रांजली कथले ने मिट्टी में मिल जावा फूल बन के खिल जांवा गा दर्शकों को ताली बजाने के लिये मजबूर कर दिया। आसी सोनी ने जो भेजी थी दुआ वो जा के आसमा से यूं टकरा गयी गा दषर्कों को मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं साक्षी द्वारा गाये गये गीत ओ मोर परदेषिया गांव पधारों पिया से दर्षक दीर्द्या तालियों की गडगड़ाहट से भर गया। श्रुति अहीर ने ये कैसी है पहेली जिंदगानी गीत ने समा बांधा तो पूजा सिंग ने ओरे चिरैया नन्हीं सी चिड़िया अंगना में फिर आना गीत पर मनमोहक नृत्य प्रस्तुत कर दषर्कों को थिरने के लिये मजबूर कर दिया। कार्यक्रम की श्रृंखला देर तक चलती रही व दर्षक दीर्द्या तालियों के गड़गड़ाहट से गुंजता रहा।