भिलाई। कोरोना लाकडाउन के चलते अज पूरी दुनिया में वर्क फ्रॉम होम एवं ई-लर्निंग का चलन प्रारंभ हो गया है। ऑनलाइन मीटिंग, कान्फ्रेंस एक विकल्प के रूप में सामने अया है। ऐसी अनेक गोष्ठियां हुई और हो रही हैं, जिनमें हो क्या रहा है, ना तो आयोजकों को समझ में आया, ना ही उसे अटेंड करने वालों को। ऐसी स्थिति में आईटी इंडस्ट्री के सामने न केवल एक गंभीर चुनौती पर बड़ा अवसर भी आ खड़ा हुआ है। शिक्षा जगत में इन्हीं चुनौतियों, अवसरों एवं संभावनाओं पर संतोष रूंगटा समूह में वेबीनार का आयोजन किया गया।आसमा की तकनीकी टीम इस इवेंट की प्रायोजक बनी। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के पूर्व निदेशक डॉक्टर मनप्रीत सिंह मन्ना ने इसे एक चुनौतीपूर्ण अवसर बताया। उन्होंने बदले हालात में शिक्षा में तकनीकी को आत्मसात कर स्वयं को इतनी जल्दी ढाल लेने की क्षमता को आशाजनक बताया। उन्होंने इसे ब्लेसिंग इन डिसगाइस की संज्ञा दी।
रूंगटा ग्रुप के डायरेक्टर एचआर एंड प्लेसमेंट्स महेंद्र श्रीवास्तव ने बताया रूंगटा समूह द्वारा एक दशक पहले से ही कक्षाओं को ई-क्लासरूम बनाने की दिशा में प्रबंधन काम करता रहा है। प्रत्येक फेकल्टी वर्षों से टेबलेट पीसी, ई लर्निंग प्लेटफॉर्म काम करने में पारंगत है। बदले हुए चुनौती पूर्ण परिदृश्य में संतोष रूंगटा समूह अग्रणी भूमिका निभाने तैयार है, सक्षम और कटिबद्ध भी है।
सीईओ ओआरएआई रोबोटिक्स स्वप्निल जैन ने बताया कि चाक- डस्टर से डिजिटल तक के सफर में संतोष रूंगटा समूह शिक्षा में एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के समावेश को लेकर बेहद अपग्रेड है। रूंगटा समूह की वेबसाइट पर ओशी रोबोटिक असिस्टेंट इसी का उदाहरण है। अब समय आ गया है कि हम इस भय को निकाल दें कि हमें जॉब मिल पाएगा, या नहीं, बस अपनी स्किल को धार देते रहें। टेक्नोलॉजी सम्पन्न युवा ही इस विश्व को आगे बढ़ाएंगे।
नई पीढ़ी शीरी, एलेक्सा, प्रिडिक्शन टूल, ड्रोन, रोबोटिक्स, हेल्थ केयर जैसे आधुनिक रूप से अपरिचित नहीं हैं। भविष्य साइंस, आर्ट, फार्मेसी, इंजीनियरिंग सभी क्षेत्रों में बेहतर देने वालों के लिए बाहें फैलाए मिलेगा।
फाउंडर सीईओ गरूदा इंफोटेक अरूण कुमार सिंग ने कहा कि आईटी इंडस्ट्री का युग एक नई पारी खेलने के लिए तैयार है। आईटी इंडस्ट्री ने 2020 में 147 बिलियन डॉलर रैवेन्यू अर्न किया है। इससे सपोर्ट इंडस्ट्री को ताकत मिली है। भारतीय इन्फर्मेशन टेक्नोलॉजी ने पूर्व में कई गंभीर चुनौतियों को पछाड़कर अपना परचम लहराया है। इसलिए पोस्ट कोविड की चुनौतियों से उबरने में हमारे युवा और डिजिटल टेक्नोलॉजी ही साधन बनेंगे।
मॉडरेटर शिक्षाविद डॉ. जवाहर सूरीसेट्टी ने वक्ताओं के बीच तारतम्य बनाए रखा और वेबीनार को रोचक बनाए रखा। उन्होंने वेबीनार के दौरान प्राप्त प्रतिभागियों के प्रश्नों और शंकाओं का समाधान किया। उन्होंने भविष्य में शिक्षा के स्वरूप को लेकर व्याप्त आशंकाओं को एक अवसर के रूप में लेने का आह्वान किया। उन्होंने बताया ऐसा समय नहीं है कि हम छात्रों पर पढ़ाई थोपें। उन्हें उनकी रुचि के अनुसार विषयों का चयन करते हुए उपनी क्षमता अनुसार निर्णय की स्वतंत्रता देना ही चाहिए। उन्होंने छत्तीसगढ़ में उच्च शिक्षा के लिए उपलब्ध संसाधनों एवं अवसरों को अन्य प्रदेशों के मुकाबले किफायती बताया। वहीं उच्च शिक्षा में एकमुश्त फीस की जगह मासिक फीस जैसे विकल्पों पर जोर दिया।
बेबीनार में 2000 से अधिक बच्चे व उनके पालकों ने लगभग 600 सवाल पूछे। इन सवालों में से कुछ का एक्सपर्ट तत्काल जवाब दिए और बचे सवालों का जवाब आॅनलाइन भेज कर संतुष्ट किया गया। आयोजन में चेयरमैन संतोष रूंगटा, समूह के निदेशक डॉ. सौरभ रूंगटा, डायरेक्टर एफ एंड ए सोनल रूंगटा का प्रयास सराहनीय रहा।