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कोविड के प्रभाव पर स्वरूपानंद कालेज के शिक्षा विभाग ने किया वेबीनार

Jun 7, 2020

Webinar in Swaroopanand Collegeभिलाई। स्वामी श्री स्वरुपानंद सरस्वती महाविद्यालय में शिक्षा विभाग एवं आई.क्यू.ए.सी. सेल द्वारा वर्तमान परिप्रेक्ष्य में कोविड-19 के वैश्विक वातावरण पर प्रभाव विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम संयोजक डॉ. पूनम शुक्ला स.प्रा. शिक्षा विभाग ने कार्यक्रम का संचालन किया व रुपरेखा पर प्रकाश डाला व कहा शोध संगोष्ठी का आयोजन कोविड-19 के वजह से संभव नहीं है इसके विकल्प रुप में वेबिनार जागरुकता फैलाने का मुख्य साधन है। हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग की कुलपति डॉ. अरुणा पल्टा ने अपने वक्तव्य में कहा कि आज लोगों के दृष्टिकोण में बदलाव आया है। लोग भौतिकवादी दृश्टिकोण को आज पीछे छोड़ सामाजिक गतिविधि में भी परिवर्तित किये है जैसे आज हम सामाजिक कार्यों में इकट्टठे न होकर, कम लोगों में ही कार्य को संपन्न कर रहे हैं। विद्यार्थी परेशान है उसको अपना कैरियर खत्म हुआ सा लग रहा है। हमें ईश्वर ने दूसरों से बहुत अच्छी स्थिति में रखा है। अब हमें कोरोना के साथ जीना सीखना होगा। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हम कैसे इस चुनौती से निपट सकते है यह हमें बताना होगा।
डॉ. वी.जी. सिंग कुलपति पं. सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय, बिलासपुर ने अपने वक्तव्य में कहा कि भारतीय संस्कृति के अनुसार नमस्कार करना या प्रणाम करना हाथ पैर धोकर गृह प्रवेश करना आदि व्यवहार को हम अपना रहे हैं। विदेशों में भी इस प्रकार के व्यवहार को अपना लिया गया है। योग एवं आयुर्वेद की महत्ता को पूरा विश्व पहचान रहा है। लॉकडाउन का सबसे बुरा प्रभाव प्रवासी मजदूरों पर पड़ा।
श्री गंगाजली शिक्षण समिति के अध्यक्ष आईपी मिश्रा ने वेबिनार आयोजन के लिये महाविद्यालय परिवार को बधाई दी एवं कहा आने वाला समय ई-लर्निंग का होगा। जिसके लिये शिक्षक व विद्यार्थी तैयार रहें।
स्वामी श्री स्वरुपानंद सरस्वती महाविद्यालय के सीओओ डॉ. दीपक शर्मा ने कहा कि लॉकडाउन का यह समय हमें धैर्य, संयम, दया, सहयोग आदि सिखाता है। ऐसी विषम परिस्थिति में भी हम अपनी योग्यता एवं सामर्थ्य को पहचाने तो इस संकट से बाहर निकल सकते है।
शंकराचार्य कॉलेज आॅफ नर्सिंग की सीओओ डॉ. मोनिषा शर्मा ने कहा इस तरह के आयोजन कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिये आवश्यक है। जब हम एक साथ एकत्र नहीं हो सकते तो विचारों का आदान -प्रदान वेबिनार के माध्यम से कर सकते है।
स्वामी श्री स्वरुपानंद सरस्वती महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने समाज के लोगों एवं विद्यार्थियों को संयम बरतने कहा ज्यादा से ज्यादा लोगों में जागरुकता फैलाने के लिए इस तरह के कार्यक्रम के आयोजन से कोविड-19 महामारी से बचा जा सकता है।
कार्यक्रम की सह-संयोजक श्रीमती शैलजा पवार सहा.प्रा. शिक्षा विभाग ने कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुये कहा कोविड-19 के कारण आर्थिक, मानसिक हर क्षेत्र में नकारात्मकता का माहौल है हम अपने वेबिनार के माध्यम से नकारात्मक माहौल को सकारात्मक में बदलने का प्रयास कर रहे हैं।
शिक्षा विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. पूनम निकुंभ ने भी विद्यार्थियों को अपने आस पास जागरुकता फैलाने तथा सोशल डिस्टेंसिंग रख सुरक्षित एवं स्वस्थ्य रहने की बात कही।
डॉ. अनीता सावंत पर्यावरणविद् ने अपने उद्बोधन में कहा कि इस लॉकडाउन से हमारे पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। कार्बन एवं नाइट्रोजन का उत्सर्जन 25 प्रतिशत हो गया है। इस समय वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण बहुत कम हुआ है। आज नदी का पानी इतना स्वच्छ हो गया है कि नदी की तलहटी दिखने लगी है। नदी के जल में डिजाल्वड आॅक्सीजन कम हो गया है इसमें 18 प्रतिशत कमी पायी गई है। हमारे छत्तीसगढ़ में यह लागू किया जा रहा है कि उद्योगों का जल यहॉं कि नदियों में प्रवाहित न किया जाये।
प्रोफेसर तीर्थेश्वर सिंग इंदिरा गांधी नेशनल ट्राइबल युनिवसिर्टी अमरकंटक ने अपने वक्तव्य में कहा शिक्षा में सबसे बड़ा परिवर्तन आॅनलाईन टीचिंग का प्रचलन बढ़ा है। यह संकट ज्यादा दिनों तक नहीं रहने वाला। हम भारतीय की यह विशेषता है कि हम हर परिस्थिति का मुकाबला कर इस संकट से उबर जायेंगे।
डॉ. आशीष कुमार एसोसिएट प्रोफेसर डिपाटर्मेंट आॅफ केमेस्ट्री ने अपने उद्बोधन में कहा पानी का संरक्षण आज बहुत आवश्यक है। इसमें हमें पानी का रिड्यूस, रीयूज, रीसाइकल तकनीक का उपयोग कर जल संरक्षण करना होगा।
प्रोफेसर अजय कुमार सिंग असम विश्वविद्यालय सिलचर ने अपने वक्तव्य में आगामी वर्ष में पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिए 40 प्रतिशत आॅनलाईन टीचिंग, 60 प्रतिशत को फेस टू फेस टीचिंग करना होगा।
कार्यक्रम में शिक्षा विभाग की विभगााध्यक्ष डॉ. पूनम निकुंभ, दुर्गावती मिश्रा, शैलजा पवार, डॉ. सुनीता वर्मा, मंजू कनौजिया, डॉ. मनोज कुमार मौर्य, जिगर भावसार एवं टी. बबीता ने सहयोग प्रदान किया।
कार्यक्रम में 68 प्रतिभागियों ने अपनी सहभागिता दी तथा 13 प्रतिभागियों ने अपना पेपर प्रस्तुत किया। संचालन डॉ. पूनम निंकुभ शिक्षा विभाग व धन्यवाद ज्ञापन शैलजा पवार स.प्रा. शिक्षा विभाग ने किया।

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