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साइंस कालेज के अंग्रेजी विभाग द्वारा दो दिवसीय अंर्तराष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन

Jun 12, 2020

Webinar on English Language Teachingदुर्ग। शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय के अंग्रेजी विभाग द्वारा दो दिवसीय अंर्तराष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस वेबीनार का विषय इमर्जिंग चैलेंजेंस इन टीचिंग लिटरेचर एंड लैग्वेंज इन द वर्चुअल वर्ल्ड पूर्ण रूप से सार्थक एवं प्रासंगिक था। भारत एवं विश्व के अन्य विकासशील देशों में हाईब्रिड या कोलेबोरेटिव शिक्षा पद्धति को अपनाना उचित होगा क्योंकि कोविड-19 के संक्रमण ने पूरे विश्व में उच्च शिक्षण संस्थाओं के लिए मात्र एक ही विकल्प छोड़ा है वह है ई-लर्निंग/वर्चुअल क्लासरूम/ऑनलाईन शिक्षा।International Webinar on Englishवेबीनार का उद्घाटन हेमचंद यादव विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ अरूणा पल्टा के संबोधन से आरंभ हुआ। उन्होंने वर्तमान में कोविड क्राईसिस के तहत र्चुअल क्लासेस के महत्व पर प्रकाश डाला एवं प्रतिभागियों से कहा कि इस परिवर्तन को हमें एक रचनात्मक दिशा देनी होगी ताकि हमारे छात्र इनसे लाभान्वित हो सकें। वेबीनार की आयोजक डॉ सोमाली गुप्ता ने विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह पद्धति हमारे देश के शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के सामने नई चुनौतियां लेकर आई है लेकिन हम सभी इस अपनाने हेतु प्रयासरत हैं। विभागाध्यक्ष डॉ मीता चक्रवर्ती ने सभी अतिथि वक्ताओं, प्रतिभागियों एवं पैनल एक्सपर्ट्स का अभिनंदन किया। महाविद्यालय के प्राचार्य एवं संरक्षक डॉ आर.एन. सिंह की अनुपस्थिति में उनके शुभकामना एवं संदेष को डॉ सुचित्रा गुप्ता द्वारा ज्ञापित किया गया।
वेबीनार के प्रथम स्त्रोत वक्ता के रूप में यूनिवर्सिटी ऑफ नीस सर्बिया की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नाडेदजा स्टोजकोविक ने आज लाईन टीचिंग इंग्लिष फॉर स्पेसेफिक प्रोफेशन (ईएसपी) विषय पर अत्यंत ही रोचक, नवीनता से परिपूर्ण व्याख्यान दिया। वेबीनार के दूसरे स्त्रोत वक्ता थे आईएएसई, पुणे के डायरेक्टर डॉ अशोक थोराट। उनका विषय टीचिंग इन वर्चुअल वर्ल्ड-विल्डिंग लर्नर ऑटोनामी एंड इन्गेजमेंटश् बहुत ही प्रांसगिक एवं लाभदायक था। डॉ. थोराट ने कहा कि डिजिटल वर्ल्ड में शिक्षा पद्धति का संचालन में परिवर्तन लेकर आ रहा है, उसे स्वीकारते हुए हमें नई शिक्षा पद्धतियों का बारीकी से विश्लेषण करना पड़ेगा।
प्रथम दिन के पैनल विषेषज्ञ के रूप में डॉ आई.डी. तिवारी, डॉ मनीष श्रीवास्तव, डॉ तापस मुखर्जी, डॉ सविता सिंह एवं डॉ मीतू भाटिया कपूर में शामिल हुए। कई प्रतिभागियों द्वारा पूछे गए प्रश्नों पर विस्तार से चर्चा की गई एव उनका विश्लेषण किया गया।
वेबीनार के दोनों सत्रों के अंत में डॉ कमर तलत द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
वेबीनार के दूसरे दिन का आरंभ डॉ सोमाली गुप्ता के द्वारा सभी स्त्रोत वक्ताओं के स्वागत से हुआ और प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए उन्होंने पहले दिन के वक्ताओं के विचारों का संक्षिप्त विष्लेषण भी किया। इसके पश्चात् डॉ सुचित्रा गुप्ता ने डॉ धनश्री थोराट, सहायक प्राध्यापक अंग्रेजी, मिसिसिपनी युनिवर्सिटी, यूएसए का परिचय दिया। डॉ. धनश्री थोराट ने लिबरेटोरी पेडागॉजी इन ऑनलाईन क्लास रूम: टीचिंग ड्यूरींग द कोविड-19 पैडेमिक पर विस्तार से प्रकाष डाला एवं कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में ऑनलाईन शिक्षा एक मौका या आवश्यकता मात्र नहीं है, सबसे गंभीर प्रश्न है। शिक्षा में हुयूमैनीटीज और साहित्य को पढ़ाये जाने के महत्व को रेखांकित करते हुए डॉ धनश्री ने कहा कि समाज, संस्कृति एवं लोकल से ग्लोबल स्तर तक साहित्य शिक्षा द्वारा एक असमानता एवं दिशाहीन कुरीतियों का समाधान निकाला जा सकता है। वर्तमान में ऑनलाईन शिक्षा/डिजीटल आटोमेशन को महत्वपूर्ण दर्शाते हुए स्क्रीन शॉट्स द्वारा डिजिटल पैडागौजी से संबंधित फायदे एवं अन्य विषयों पर चिंतन एवं विश्लेषण किया।
दूसरे स्त्रोत वक्ता के रूप में डॉ सोलजिका पोपोवस्का, प्राध्यापक, फैकल्टी ऑफ फलोलाजी स्कोपिये यूनिर्वसिटी, नार्थ मैसेडोनिया उपस्थित थीं। उन्होंने अपने विषय इम्पोर्टेंस ऑफ इमोशनल इंटेलीजेंस इन वर्चुअल टीचिंग पर विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने विद्यार्थियों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए कहा कि एक स्वस्थ मस्तिष्क एवं स्वस्थ समाज का निर्माण ही हमारा उद्देश्य है। प्राध्यापकों अध्यापकों एवं विद्यार्थियों को समान रूप ईआई की प्रशिक्षण दी जाए ताकि डिजीटेल लर्निंग सार्थक हो सके।
वेबीनार के अगले चरण में डॉ रूबल वर्मा, एसोसिएट प्राध्यापक अंग्रेजी विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन से अंतिम स्त्रोत वक्ता के रूप में उपस्थित थे। उनका विषय था टीचिंग इंग्लिश फॉर साईंस एण्ड टेक्नोलॉजी इन द वर्चुअल वर्ल्ड, इशूज एंड चैलेजेंस। उन्होंने अपने शिक्षण के दौरान प्राप्त हुए विभिन्न तरह के अनुभवों का विश्लेषण करते हुए बताया कि विभिन्न विश्वविद्यालयों में अलग-अलग विषयों में फिर वो मेडिसिन, इंजीनियरिंग, तकनीकि या अन्य अंग्रेजी का कोर्स सिलेबस ज्यादा भिन्न नहीं है। डॉ वर्मा ने विस्तार से ईएसटी के महत्व उसकी पध्दति एवं उसके संबंधित चुनौतियों का समाधान एवं अन्य महत्वपूर्ण विचारों को सबके सम्मुख रखा।
वेबीनार के दूसरे दिन श्पैनल एक्सपर्टसश् के रूप में डॉ. नीलाक्षी राय मुंबई, डॉ. मलोबिका राउथ, मुंबई, डॉ मधु कामरा, रायपुर, डॉ चन्द्रषेखर भिलाई एवं डॉ तापस मुखर्जी भिलाई ने विभिन्न परिस्थितियों में पढ़ रहे विद्यार्थियों के ऑनलाईन पढ़ाई के समस्या एवं समाधान पर चर्चा की। अंत में डॉ सोमाली गुप्ता ने सभी स्त्रोत वक्ताओं को उनके विचारों की प्रस्तुति के लिए विशेष रूप में दो दिवसीय वेबीनार को सफल बनाने के लिए धन्यवाद दिया। डॉ. सुचित्रा गुप्ता द्वारा सभी डेलीगेट्स, वक्ताओं को धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

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