स्वस्थ-सफल जीवन के लिए फिजिकल साक्षरता अपरिहार्य – पुलेला गोपीचंद
भिलाई। भारतीय राष्ट्रीय बैडमिन्टन टीम के कोचए अर्जुन अवार्ड प्राप्त पद्मश्री पुलेला गोपीचंद ने कहा कि स्वस्थ-सफल जीवन के लिए फिजिकल लिटरेसी-शारीरिक साक्षरता का ज्ञान अपरिहार्य है। शारीरिक साक्षरता हमें विभिन्न परिस्थितियों का मुकाबला करते हुए निरंतर आगे ब़ढ़ने का रास्ता दिखाता है। गोपीचंद श्रीशंकराचार्य महाविद्यालय जुनवानी द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय वेबीनार को संबोधित कर रहे थे। वेबीनार का विषय था कोविड संकट के बाद उभरने वाली नई संभावनाएं।श्री शंकराचार्य महाविद्यालय जुनवानी भिलाई के आंतरिक गुणवत्ता एवं मूल्यांकन प्रकोष्ठ – आइक्यूएसी एवं इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फिजिकल एजुकेशन फिटनेस एंड स्पोर्ट्स साइंस एसोसिएशन के सहयोग से इस अंर्तराष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन शनिवार को किया गया। मुख्य वक्ता गोपीचंद ने कहा कि मौजूदा हालत को देखते हुए हमें संयम और धैर्य के साथ मिलकर आगे बढ़ना है, और पूरे समाज के लिए आदर्श प्रस्तुत करना है। एक खिलाड़ी समाज के लिए उदाहरण प्रस्तुत करता है कि हम स्वस्थ रहते हुए पूरे देश को कैसे स्वस्थ और सुरक्षित रख सकते है। राजनीति, समाज, विद्यालय से जुडे सभी से अनुरोध करते है कि वे खेल के प्रति जागरूक बने। हमें खेल को बढाना चाहिए। फिजिकल साक्षरता, शारीरिक शिक्षा के लिए बहुत आवश्यक है। फिजिकल साक्षरता जीवन भर की यात्रा है।
डॉ सैय्यद इब्राहिम (किग फाहद यूनिवर्सिटी, साउदी अरेबिया) ने अपने विषय हाइपरटेंशन पर कहा कि आज के जीवन में तनाव उम्र के बढने के साथ-साथ ही बढता है। यू.एस. में 50 मिलियन लोग हाइपरटेशन से ग्रसित है। उन्होंने बताया की 50 की उम्र के बाद यह आम समस्या है। उन्होंने हाइपरटेशन से बचने के लिए पर्याप्त नींद, प्रतिदिन योगभ्यास, व्यायाम तथा एल्कोहल एवं अन्य मादक पदार्थों से बचने की सलाह दी।
डॉ मिर्जा हंसनुज्जमान (शेर ई बंगला एग्रीकल्चर विश्वविद्यालय, ढाका), फ्यूचर ऑफ एजुकेशन एंड रिसर्च इन द पोस्ट पैन्डेमिक एरा की चर्चा करते हुए बताया की कोविड.19 के कारण विश्व के लगभग 160 देश बंद रहे है। उन्होंने ऑनलाइन लर्निंग, न्यू ऑपरचुनिटीज, एडवांटेज ऑफ ऑनलाइन कोर्स, एक्सपोजर टू टेक्नोलॉजी, एलिमिनेशन ऑफ आनलाइन एजुकेशन, डिसएडवांटेज ऑफ ऑनलाइन एजुकेशन, ई-लर्निंग एट टर्शरी एजुकेशन आदि विषय पर विस्तार से प्रकाश डाला।
डॉ तापस मुखर्जी (शास. नवीन महाविद्यालय, बोरी छ.ग.) अपने विषय पॉज-गेट-सेट-गो – द रेसिलिएन्स ऑफ द ह्यूमन स्पिरिट पर विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि आज इस वैश्विक महामारी ने सभी को सोचने के लिए मजबूर कर दिया है। राजनीतिज्ञ एवं समाज के प्रत्येक व्यक्ति को अपनी जीवन शैली में बदलाव लाते हुए आगे बढना होगा। शिक्षा भी नयी चुनोतियों का सामना कर रहा है। देश के सैलेब्रेटी इस समय बहुत ही अच्छा उदाहरएा समाज के सामने प्रस्तुत कर रहे है।
प्रो. राजेश कुमार (अध्यक्ष, आईएफपीईएफएसएसए) ने भी वेबीनार को संबोधित किया। भारतीय समयानुसार अमेरिका एव इंगलैड के समय में बहुत अंतर होता है इसलिए वहां के वक्ताओं का आनलाइन जुड़ पाना संभव नही हो पाया। इसलिए वेबीनार में वाशिंगटंन से श्री एंन्ड्रीव, आयुषी, अटलांटा से श्री माइकल, शिकागो नार्थ अमेरिका से श्री केथ डंकन, सिडनी आस्ट्रेलिया से श्री अमित, डालास यू.एस.ए. से श्री विवेक, मिनीपोलिस से शिवांगी एवं आदित्य द्विवेदी के प्री रिकार्डेड विडियो प्रदर्शित किया गया।
पाकिस्तान से प्रो. सैयद ने लॉकडाउन की अवधि में अपने देश में जो सकारात्मक कार्य सपन्न हुए इस पर वेबिनार में विचार प्रस्तुत किये।
हेमचंद विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ अरूणा पल्टा ने कहा कि आज का टॉपिक बहुत ही अच्छा है। इस समय वैश्विक स्तर पर बहुत से चैलेजेस महसूस हो रहा है। इससे पहले भी विश्व में ऐसी बडी महामारी आयी है परंतु उस समय टेकोनोलॉजी इतना विकसित नहीं था। हमारे विश्वविद्यालय के वेबसाइट में 1500 विडियो लाकडाउन की अवधि में अपलोड हुए है। विद्यार्थी ऑनलाइन लेक्चर, विडियो को फॉलो कर आगे बढ रहा है। इस समय का बेहतर उपयोग करते हुए अपने हॉबी को पूरा करे। गुड-बुक गुड-टीचिंग को बढावा देना चाहिए। रोबोट ने इस समय मानव की बहुत सी कमी से जूझने में भूमिका निभाई। चिकित्सा एवं अन्य क्षेत्रों में इसकी मदद ली जा रही है। कहते है आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है। इस समय मानसिक रूप से स्वस्थ्य रहें और सकारात्मक सोच के साथ चुनोतियो को संभावनाएं में परिवर्तित करने का प्रयास करें। अंत में उन्होने इस वेबीनार आयोजन हेतु महाविद्यालय को बहुत बहुत बधाई दी।
विश्वविद्यालय के डीन स्टूडेन्ट वेलफेयर डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव ने कहा कि कोविड-19 के दो पहलू है। ब्राइट और डार्कनेस, जिसका असर स्टॉक मार्केट, वित्तीय व्यवस्था, शैक्षणिक संस्था एवं चिकित्सा सभी क्षेत्रों में पड रहा है। इसमें चुनौतियां और संभावनाएं दोनों है। चुनौतियों को संभावनाओं में बदलना है। अभी के समय को देखते हुए हमें कुछ नया क्रियेटिव करना चाहिए। श्री शंकराचार्य महाविद्यालय इस समय का बेहतर तरीके से उपयोग कर रहा है। इस समय हमें अपने वर्क कलचर में चेंज करने की आवश्यकता है।
श्री गंगाजली शिक्षण समिति के चेयरमैन आईपी मिश्रा एवं अध्यक्ष श्रीमती जया मिश्रा ने अपने संदेश में वेबीनार के सफल आयोजन हेतु महाविद्यालय परिवार को शुभकामना एवं बधाई प्रेषित की है।
वेबीनार की संरक्षक श्रीशंकराचार्य महाविद्यालय की निदेशक-प्राचार्य डॉ रक्षा सिंह ने स्वागत भाषण में कहा कि आज के इस वेबिनार में पूरे विश्व से 18 देशों के प्रतिभागी जुडे है। फिटनेस एवं हेल्थ आज के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस कोविड के समय हमें समय का बेहतर उपयोग करते हुए शिक्षा और शोध के लिए कार्य करना है। आज के वेबिनार में हर देश के लोग चर्चा करेंगे कि वहा पर उनको क्या-क्या संभावनाएं दिखी। जिससे अब लोग खुद के सेहत, परिवार व सामाज के सेहत के लिए चिंतित हुए है एवं ऑनलाइन कोर्सेस को बढावा मिल रहा है जिससे घर में रहते हुए इसका सदुपयोग कर रहे है। पर्यावरण एवं जैविकी की दिशा में भी वृहद स्तर पर संभावनाएं बढी है।
महाविद्यालय के अतिरिक्त निदेशक डॉ. जे. दुर्गा प्रसाद राव ने पुलेला गोपीचंद का संक्षिप्त परिचय देते हुए कहा कि आज के वेबिनार में जितने भी प्रतिभागी जुडे है हम सभी का स्वागत करते है। आज के समय में ऑनलाइन शिक्षा को बढावा दिया जा रहा है जो कि समय की मांग है।
आयोजन सचिव हिन्दी विभाग की अध्यक्ष डॉ अर्चना झा, संयोजक वाणिज्य विभाग के डॉ सुबेाध कुमार द्विवेदी एवं अंग्रेजी विभाग के डॉ राहु मेने, सह-संयोजक कम्प्यूटर साइंस विभागाध्यक्ष ठाकुर देवराज सिंह एवं रसायनशास्त्र विभाग के विकास चंद शर्मा ने उत्कृष्ट भूमिका निभाई।
अंर्तराष्ट्रीय वेबीनार में विश्व के अनेक देशों यू.एस.ए., अटलांटा, आस्ट्रेलिया, शिकागो, ढाका, बंगला देश, फिलीपिसं, दलास, सिडनी, इथोपिया, मलेशिया, साउदी अरेबिया, पाकिस्तान के अलावा भारत के प्रत्येक राज्य अरूणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, नागपुर, जौनपुर, इलाहाबाद, दमोह, विशाखापटनम, हैदराबाद, गुन्टुर, कर्नाटक, लखनऊ, बनारस, तमिलनाडू, मुबई, झारख्ण्ड, जम्मू कश्मीर, एव पंजाब से प्रतिभागी सम्मलित हुए।
वेबीनार पूर्णतः सफल रहा यह इस बात से सिद्ध होता है कि विश्व के अनेक देशों से 350 के लगभग प्रतिभागी पूरे समय से सत्र से जुडे रहे।
वेबीनार का पूरा सत्र श्री शंकराचार्य महाविद्यालय के फेसबुक एवं यूटयूब में लाइव संचालन किया गया।
Session is good
Session is Awesome
Very nice webinar sir and good informative