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तामस्कर साइंस कालेज में मिश्रित अध्ययन प्रणाली की संभावनाओं पर कार्यशाला

Jun 28, 2020

Workshop on Mixed Education Systemदुर्ग। शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय के स्वशासी प्रकोष्ठ द्वारा कोरोना काल के पश्चात भविष्य में मिश्रित अध्ययन प्रणाली की संभावनाओं पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। आयोजन सचिव डॉ प्रज्ञा कुलकर्णी ने कार्यशाला के विषय एवं सामयिक महत्व को बताते हुए कहा कि भविष्य में अध्यापकों एवं विद्यार्थियों को मिश्रित अध्ययन प्रणाली से अभ्यस्त होना होगा जिससे कोविड-19 जैसी विपरीत परिस्थिति के अलावा अन्य समय में भी हम इसका उपयोग अतिरिक्त पठन-पाठन सामग्री को साझा करने में कर सकेंगे।आयोजन के प्रथम दिवस 25 जून को कार्यशाला के आरंभ में संयोजक डॉ. अनिल कुमार कश्यप ने इस आयोजन के संदर्भ और आवश्यकता पर प्रकाश डाला। महाविद्यालय के प्राचार्य एवं संपोषक डॉ. आर.एन. सिंह ने आयोजन समिति की पहल एवं तत्परता की प्रशंसा करते हुए सामान्य शिक्षण पद्धति के साथ-साथ प्रौद्योगिक मध्यस्थता हेतु प्राध्यापकों एवं विद्यार्थियों को तैयार रहने की अपील की।
कार्यशाला के मुख्य अतिथि के रूप में अतिरिक्त संचालक, उच्च शिक्षा प्रो. एस.सी.तिवारी ने दोनों शिक्षण पद्धतियों के तुलनात्मक विवरण को प्रस्तुत किया एवं भविष्य के लिए मिश्रित अध्ययन प्रणाली के लिए मानसिक तौर से तैयार रहने को कहा।
कार्यशाला के प्रथम अतिथि वक्ता डॉ. बी.एस. रेड्डी, एस.आर.टी.एम. यूनिवर्सिटी नांदेड़ का परिचय आयोजन समिति के सदस्य डॉ सुनीता मैथ्यू ने प्रस्तुत किया। डॉ. रेड्डी ने ओ बी एस स्टूडियो सॉफ्टवेयर के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करते हुए वीडियो लेक्चर बनाने का मार्गदर्शन प्रस्तुत किया।
कार्यशाला के द्वितीय वक्ता डॉ. संदीप शुक्ला, शासकीय महाविद्यालय, कोरबा का परिचय डॉ. राकेश तिवारी ने प्रस्तुत किया। डॉ. शुक्ला ने कंप्यूटर एवं मोबाइल फोन की सहायता से वीडियो लेक्चर की रिकॉर्डिंग, उसमें आवश्यक काट छांट किया जाना, आवाज में सुधार एवं वीडियों की गुणवत्ता को बनाए रखते हुए लेक्चर के आकार को कम करने की विधि को विस्तार से समझाएं।
द्वितीय दिवस 26 जून के पहले वक्ता के रूप में प्रो. जी.ए. घनश्याम, ओ.एस.डी. उच्च शिक्षा विभाग, रायपुर द्वारा वर्तमान परिपेक्ष में वास्तविक से आभासी अध्ययन प्रणाली मिश्रित को करते हुए प्राध्यापकों को 21 वीं सदीं में ट्रेनर के रूप में पारंगत होने की आवश्यकता पर जोर दिया। दूसरे वक्ता के रूप में अटल बिहारी वाजपेयी वि.वि., बिलासपुर के प्राध्यापक डॉ एच.एस. होता के द्वारा ई-कंटेंट विकास के विभिन्न सॉफ्टवेअर टूल्स की जानकारी दी गई तथा विशेष रूप से एक्टिव प्रेसेंटर टूल से वीडियो बनाने का प्रायोगिक प्रदर्शन प्रस्तुत किया।
अंत में आयोजन सदस्य डॉ सुनीता बी. मैथ्यू द्वारा सम्पूर्ण कार्यशाला में प्रमुख वक्ता एवं चारो आमंत्रित वक्ताओं के मूल्य संवंर्धक प्रस्तुतिकरण को सारांशित किया एवं जानकारी दी कि इस राष्ट्रीय कार्यशाला में छत्तीसगढ़ के प्रतिभागियों के अलावा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, असम, हरियाणा एवं दिल्ली से कुल 298 प्रतिभागीयों ने हिस्सा लिया।
कार्यशाला का समापन आयोजन समिति के सदस्य डॉ. राकेश तिवारी के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ। अंत में सभी प्रतिभागीयों को फीडबैक लिंक प्रस्तुत किया गया, जिसमें कार्यशाला की गुणवत्ता सहित उपयोगिता एवं सामान्य रूझान संबंधित राय मांगी गई।
प्रत्येक व्याख्यान के पश्चात प्रतिभागियों ने ऑनलाइन प्रश्नों के माध्यम से अपनी जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त किया। कार्यशाला का संयोजन डॉ एस.डी. देशमुख ने किया एवं तकनीकी सहयोग डॉ विकास स्वर्णकार का रहा।

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