भिलाई। भारत में क्रॉनिक किडनी डिजीज के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इनमें से अधिकांश का समुचित इलाज नहीं हो पाता। एक अन्य विकल्प है किडनी ट्रांसप्लांट या प्रत्यारोपण। जागरूकता के अभाव में भारत में गुर्दा प्रत्यारोपण विकसित सहित कुछ अन्य देशों के मुकाबले काफी कम होता है। इस दिशा में जागरूकता लाकर हम किडनी के रोगियों को बेहतर जीवन दे सकते हैं। उक्त बातें नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ प्रेमराज देबता ने हाइटेक सुपर स्पेशालिटी हॉस्पिटल में विश्व किडनी दिवस पर आयोजित परिचर्चा में कहीं।