दुर्ग। इस भीषण गर्मी में पंछियों को दाना और पानी के लिए तरसते देखा गया है। कभी घोंसले के लिए तो कभी पानी के लिए पंछियों को संघर्ष करते देखा जाता है। शासकीय डॉ वावा पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राणीशास्त्र विभाग की एम.एससी की छात्राओं ने चिड़ियों के लिए एक अभियान शुरू किया है ‘एक घर मेरी चिया के नाम’। इन छात्राओं ने महाविद्यालय परिसर एवं अपने निवास के आस-पास पेड़ों पर घोसले बनाकर रखें है और सकोरो में दाना-पानी की व्यवस्था की है। कोविड-19 के लॉकडाऊन अवधि में महाविद्यालय की छात्राएँ रचनात्मक कार्यों में संलग्न है चाहे वो राष्ट्रीय सेवा योजना हो या यूथ रेडक्रॉस की गतिविधियों/पर्यावरण के लिए ग्रीन आर्मी हो या जल संरक्षण के लिए एक्वा क्लब। छात्राओं के इस समूह ने 5-5 घोसले बनाने का संकल्प लिया है। उनके इस कार्य को प्राणीशास्त्र की विभाग प्रमुख डॉ निसरीन हुसैन का मार्गदर्शन मिलता है।
जिन छात्राओं ने इस अभियान को सफल बनाया है उसमें एम.एससी प्रथम सेमेस्टर की ज्योति, मेघा, मोनिका, गरिमा, पायल, नेहा, सुमेधा, नम्रता, उकेश्वरी तथा विद्या है। एम.एससी तृतीय सेमेस्टर की नागेश्वरी, ममता, चांदनी, निम्मी, नोविता, रोशनी, टिलेश्वरी, कविता, झमित और फकिरिन है। छात्राओं के इस सराहनीय प्रयास की तारीफ नागरिक भी कर रहे है।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ सुशील चन्द्र तिवारी ने छात्राओं के इस कार्य की प्रसंशा करते हुए कहा कि इस मौसम में पक्षियों को मदद की आवश्यकता होती है। हमारे पर्यावरण का महत्वपूर्ण अंग है ये पंछी। महाविद्यालय का ‘‘एनिमल्स केयर एवं बिहेवियर क्लब’’ सक्रिय कार्य कर रहा है जो प्रसंशनीय है।