नई दिल्ली। केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से की गई घोषणा के मुताबिक अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट) अब जीवन भर के लिए मांन्य रहेगी। पहले इस परीक्षा को पास करने पर पात्रता सात साल के लिए होती थी। राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद के 11 फरवरी, 2011 के दिशा निर्देशों में कहा गया था कि टीईटी राज्य सरकारों द्वारा आयोजित की जाएगी और इसके प्रमाणपत्र की वैधता साल साल रहेगी।शिक्षा मंत्रालय ने यह भी कहा है कि यह व्यवस्था 2011 से लागू होगी। मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को उन उम्मीदवारों को नए सिरे से टीईटी प्रमाणपत्र जारी करने या जारी करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने की आवश्यकता होगी, जिनकी सात वर्ष की अवधि पहले ही समाप्त हो चुकी है।
शिक्षण के क्षेत्र में करिअर बनाने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने की दिशा में यह एक सकारात्मक कदम होगा। अध्यापक पात्रता परीक्षा एक उम्मीदवार के लिए स्कूलों में शिक्षक के रूप में नियुक्ति के लिए पात्र होने के लिए आवश्यक योग्यताओं में से एक है।
Pic Credit : Navbharattimes.com