खपरी (दुर्ग)। देव संस्कृति कॉलेज ऑफ एजुकेशन एण्ड टेक्नोलॉजी खपरी एवं शासकीय नवीन महाविद्यालय बोरी के संयुक्त तत्वावधान में योग प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया है। यह सात दिवसीय शिवर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर 21 जून को प्रारंभ किया गया। इसका उद्घाटन इंटरनेशनल न्यूरोपैथी ऑरगनाइजेशन इंदौर के अध्यक्ष डॉ एके जैन ने किया। पतंजली योग समिति दुर्ग के जिला प्रभारी नरेन्द्र पटेल मुख्य वक्ता थे। डॉ जैन ने अपने उद्बोधन मे कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति से हम स्वस्थ रह सकते हैं। योग के द्वारा हम दवाइयों पर अपनी निर्भरता को कम कर सकते हैं। पंच तत्व से शरीर बना है अतः हमें अपनी जीवन शैली में आवश्यक सुधार कर इसे स्वस्थ रखने का उपक्रम करना चाहिए। उन्होंने पावर पाइंट प्रजेन्टेशन के माध्यम से विभिन्न आसनों को पंचमहाभूत के माध्यम से स्पष्ट किया।
मुख्य वक्ता नरेन्द्र पटेल ने कहा कि योग भारतीय संस्कृति के भाव से युक्त है। योग दिखावे के लिए नहीं बल्कि एक दूसरे को जोड़ते हुए नित्य करने की क्रिया है। प्रकृति के रंग हमारे पंच तत्व से निर्मित शरीर में समाहित है। इसे आत्मसात करने की जरूरत है। उन्होंने 2016 से 2021 के लिए योग के थीम को स्पष्ट किया।
महाविद्यालय की डायरेक्टर ज्योति शर्मा ने कहा कि योग संस्कृत शब्द युज से बना है। योग का अर्थ है व्यक्तिगत चेतना या आत्मा का सार्वभौमिक चेतना या आत्म के साथ मिलन। यह 5000 साल पुराना ज्ञान है। यह अपनी परम प्रकृति को देखने, बढ़ाने और महसूस करने की प्रणाली है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने योग को लेकर अंतरराष्ट्रीय पहल की जिसके बाद हर साल 21 जून को पूरी दुनिया में योग दिवस मनाया जाने लगा। स्कूल कालेज में बढ़ती प्रतिस्पर्धा, साथियों का दबाव, यौवन का कठिन चरण, पाठेत्तर गतिविधियां और माता-पिता, शिक्षकों की अपेक्षाओं को पूरा करना बच्चों के लिए बेहद तनावपूर्ण होता है। योग इससे निपटने में सक्षम बनाता है।
विशिष्ट अतिथि डॉ अमरनाथ शर्मा ने कहा कि साधारण रूप से योग करना बड़ी बात नहीं है लेकिन सही ढंग से योग करना बड़ी बात है। हगमें ऊपर नीचे, दायें-बायें, बाहर-अंदर, योग का अनुभव करना है। तब आत्मविश्वास जागता है, आत्मबल बढ़ता है, परम ज्ञान की प्राप्ति होती है।
स्वागत भाषण देते हुए प्राचार्य डॉ कुबेर सिंह गुरुपंच ने कहा कि आज के इस भौतिकवादी युग में व्यक्ति का स्वास्थ्य असंतुलित हो गया है अतः योग आवश्यक है। योग एक अमूल्य औषधि है जो ब्रह्माण्ड की किसी भी बीमारी को ठीक करने की शक्ति रखती है। योग शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक विकास के लिए जरूरी है।
कार्यक्रम के सफल आयोजन पर वेद माता गायत्री शिक्षण समिति के अध्यक्ष एवं कार्यक्रम के संरक्षक वासुदेव शर्मा ने बधाई दी। संचालन ज्योति पुरोहित ने किया। आभार प्रदर्शन चित्ररेखा रघुवंशी ने किया। जयहिंद कछौरिया ने तकनीकी सहयोग प्रदान किया। कार्यक्रम में आईक्यूएसी समन्वयक ममता दुबे विशेष रूप से उपस्थित थीं। विशेष अतिथि के रूप में नवीन महाविद्यालय बोरी के सहा. प्राध्यापक डॉ अमरनाथ शर्मा उपस्थित थे।