भिलाई। स्वामी श्री स्वरूपानंद महाविद्यालय में आईक्यूएसी एवं रसायनशास्त्र विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयुर्वेद औषधि के प्रति जागरूकता लाने हेतु एक दिवसीय ई-कार्यशाला का आयोजन किया गया। आयोजन विभाग की अध्यक्ष डा. रजनी मुदलियार ने कहा आयुर्वेद जीवन का विज्ञान है यह केवल चिकित्सा या निदान ही प्रदान नहीं करता अपितु रोगो को जड़ से नष्ट करता है। कोविड-19 से लड़ने के प्रयासों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में आयुर्वेद महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है।मुख्य वक्ता के रूप में पीयूष माते स्वास्थ्य परामर्शदाता-रीजनल हेड महाराष्ट्र व (छ.ग.) श्रद्धाराज स्वास्थ्य परामर्शदाता उपस्थित हुए। उन्होंने ब्लड प्रेशर, मधुमेह आदि बीमारियों में आयुर्वेद की उपयोगिता की चर्चा की। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद हमें प्रकृति से जोड़ता है। छोटी-छोटी बीमारियों का इलाज मसालों, सब्जियो व जड़ीबुटियों से किया जा सकता है। प्रकृति औषधियों का भंडार है और आयुर्वेद प्रकृति से हमें दवाइयां बनाना सिखाता है। पीयूष माते ने विद्यार्थियों के शंकाओं का समाधान किया।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ श्रद्धाराज ने आयुर्वेद के इतिहास व भविष्य में उसकी संभावनाओं पर प्रकाश डाला और बताया कि दीवार में यदि सीलन होती है तो उसे वालपेपर या सजावटी वस्तुओं से छिपा सकते है किंतु सीलन को ठीक करने के लिये दीवार की मरमत आवश्यक होती है। उसी प्रकार दूसरी दवाईया थोड़े समय के लिये आराम पहुचाती है लेकिन आयुर्वेद रोग को जड़ से समाप्त करता है।
महाविद्यालय के सीओओ डॉ दीपक शर्मा ने आयोजन के लिए विभाग को बधाई देते हुए कार्यक्रम की सराहना की। प्राचार्य डॉ हंसा शुक्ला ने बताया आयुर्वेद हमारी प्राचीन चिकित्सा पद्धति है। इस प्रकार की दवाओं का कोई दुष्प्रभाव शरीर पर नहीं पड़ता। संपूर्ण प्रकृति जीवनदायिनी व औषधियों से परिपूर्ण है आवश्यकता है उसका उपयोग कर उसे अपने जीवन शैली में शामिल करे।
कार्यक्रम में डॉ नमिता गोयल, वनीता महाले महाराष्ट्र से, आरती मिश्रा, ग्रंथपाल श्री शंकराचार्य टेक्नीकल कैंपस विेशेष रूप से उपस्थित हुए इसके अलावा स्वरूपानंद महाविद्यालय के प्राध्यापक एवं छात्र-छात्राए कार्यशाला मे उपस्थित हुए।
मंच संचालन व धन्यवाद ज्ञापन डॉ. रजनी मुदलियार विभागाध्यक्ष रसायनशास्त्र ने किया।