भिलाई। संस्कृत के विद्वान एवं साहित्य मर्मज्ञ आचार्य डॉ महेश चन्द्र शर्मा गत दिवस एमजे कालेज के लाइट हाउस कार्यक्रम में शामिल हुए। ऑनलाइन एवं ऑफलाइन मोड में आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने बच्चों को चरित्र निर्माण एवं निरंतर प्रयास का परामर्श दिया। उन्होंने महाविद्यालय को पांच स्वरचित ग्रंथ भी भेंट किए।एमजे कालेज की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर के मार्गदर्शन में इस अभिनव कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। इसके तहत ऐसे व्यक्तित्वों को महाविद्यालय में आमंत्रित किया जा रहा है जो अपने आप में एक संस्था हैं। इनका कर्मजीवन विद्यार्थियों के साथ-साथ अध्यापकों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत हो सकता है। जिस तरह लाइटहाउस का आकाशदीप समुद्री जहाजों को राह बताते हैं, ठीक उसी तरह इनका जीवन लोगों को आगे बढ़ने की राह दिखाता है।
आचार्य डॉ महेश चन्द्र शर्मा चार दशकों से भी लंबे अपने कार्यकाल में शासकीय विज्ञान महाविद्यालय दुर्ग, वैशाली नगर, नवीन महाविद्यालय खुर्सीपार, उतई तथा राजनांदगांव के शासकीय महाविद्यालय के प्राचार्य रहे हैं। उन्होंने देश विदेश की अनेक यात्राएं की हैं। उन्होंने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि संस्कृत ने ही उनके लिए अथाह ज्ञान एवं विश्व भ्रमण के द्वार खोले। इसलिए किसी भी विषय को हीन नहीं समझना चाहिए। वेदों, पुराणों, उपनिषदों एवं भगवतगीता से अनेक उद्धरण देते हुए उन्होंने विभिन्न शब्दों की व्याख्या की। आचार्य, विद्यार्थी, छात्र जैसे शब्दों के नए अर्थ सुनकर श्रोता चमत्कृत हुए।
लाइटहाउस श्रृंखला की इस कड़ी में साक्षात्कार शिक्षा संकाय की सहायक प्राध्यापक ममता एस राहुल ने लिया। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने इस कार्यक्रम को विद्यार्थियों के साथ साथ अध्यापकों के लिए भी प्रेरणास्पद बताया। गागर में सागर, संस्कृति के चार सोपान, साहित्य और समाज, छत्तीसगढ़ मे संस्कृत, धर्म और राजनीति आदि ग्रंथों को ग्रंथपाल प्रकाश चंद्र साहू ने ग्रहण किया। इस अवसर पर आईक्यूएसी प्रभारी अर्चना त्रिपाठी, सहा. प्राध्यापक दीपक रंजन दास भी उपस्थित थे।