भिलाई। हाइटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल में लगभग एक माह तक भर्ती रहने के बाद 10 वर्षीय बालक सिद्धार्थ आज घर लौट गया। वह लांगीच्यूडिनली एक्सटेंसिव ट्रांसवर्स माएलिटिस (एलईटीएम) नामक तंत्रिका तंत्र की दुर्लभ बीमारी से पिड़ित है। इसमें रीढ़ की हडिड्यों के बीच से गुजरने वाली सुषुम्ना नाड़ी में सूजन आ जाती है जिसके कारण मस्तिष्क से शरीर को प्राप्त होने वाले संकेतों में व्यवधान उत्पन्न हो जाता है। हाथ पैर काम करना बंद कर सकते हैं और शरीर के अंदरूनी अंग भी प्रभावित हो सकते हैं।सिद्धार्थ के पिता भरत कुमार सोनकार ने बताया कि वे राजनांदगाव में रहते हैं। सिद्धार्थ तीसरी कक्षा का छात्र है। पिछली दीपावली में एकाएक उसे परेशानी शुरू हुई तो उन्होंने पहले स्थानीय डाक्टरों को दिखाया। फिर उनकी सलाह पर वे बालक को रायपुर के अलग अलग अस्पतालों में लेकर गए पर बीमारी पकड़ में नहीं आ रही थी। भिलाई के न्यूरो विशेषज्ञ डॉ नचिकेत दीक्षित सप्ताह में एक दिन राजनांदगांव में उपलब्ध होते हैं। उन्होंने इसे स्नायुतंत्र से जुड़ा विकार बताया। उन्हीं की दवाइयां चल रही थीं। बालक ठीक था।
भरत कुमार ने बताया कि कुछ माह पहले उन्होंने दवाइयां रोक दी थी। बच्चा ठीक ही था। पर 19 जुलाई को एकाएक उसकी तबियत बिगड़ गई। फिर भागदौड़ शुरू हुई। 29 जुलाई को वे उसे लेकर हाइटेक अस्पताल पहुंचे और डॉ नचिकेत दीक्षित को दिखाया। यहां कुछ जांचें की गईं। रिपोर्ट आने के बाद 30 जुलाई को सिद्धार्थ को एडमिट कर लिया गया। दूसरे दिन उसकी तबियत ज्यादा बिगड़ गई और सांस भी उखड़ने लगी। उसे वेन्टीलेटर पर डाला गया। लगभग 15 दिन बाद उसे वेन्टीलेटर से बाहर लाया गया। सिद्धार्थ फिलहाल ठीक है हालांकि बहुत कमजोर है। पर डाक्टरों ने उम्मीद जताई है कि समय के साथ वह केवल दवा से ही ठीक हो जाएगा।