भिलाई। महाविद्यालय के शिक्षा विभाग एवं प्रबंधन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आत्महत्या को रोकने के लिये प्रभावी रोकथाम विषय पर अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता के रूप में डॉ शमा हमदानी क्लिनिकल सायकोलाजिस्ट, श्री शंकराचार्य मेडिकल कॉलेज, जुनवानी एवं हाईटेक सुपर स्पेशयालिटी भिलाई ने अपने विचार प्रस्तुत किये जिसमें आत्महत्या के मामले के आकड़े प्रस्तुत किये। उन्होंने कहा कि आज कल बड़े-बूढ़े यहॉ तक की छोटे बच्चे आत्महत्या कर रहे है, हमारे देश में यह सबसे बड़ी समस्या है। दुनियाभर में 65 हजार लोग आत्महत्या की कोशिश करते हैं। 17.5 प्रतिशत भारतीय आत्महत्या की कोशिश करते है। छत्तीसगढ़ में यह संख्या 5.3 प्रतिशत है। दुर्ग व भिलाई में यह सबसे अधिक 34.5 प्रतिशत है।
उन्होंने कहा कि बेरोजगारी, नौकरी चली जाना, कर्ज, लम्बी बीमारी, घर में परेशानी, खालीपन, मानसिक बिमारी, डिप्रेशन, न्यूरो से संबंधित बिमारी, आवेग में आकर आत्महत्या की कोशिश, पारिवारिक रूप से कमजोर, सहनशक्ति की कमी, नशीले पदार्थ का सेवन आदि आत्महत्या का कारण बनते हैं। महिलाओं की अपेक्षा, पुरूषों में आत्महत्या की प्रवृत्ति ज्यादा देखी गई है। उन्होंने कहा कि हम अपने आसपास के लोगों के हाव-भावों पर नजर रखकर उन छोटी छोटी बातों को ताड़ सकते हैं जो उनकी आत्महत्या की प्रवृत्ति की सूचक हो सकती हैं।
आरंभ में कार्यक्रम की संयोजिका खुशबू पाठक विभागाध्यक्ष प्रबंध विभाग ने मंच संचालन किया तथा कार्यक्रम के मुख्य वक्ता का परिचय दिया। महाविद्यालय के सीओओ डॉ दीपक शर्मा ने कहा इस तरह के आयोजन से विद्यार्थी लाभांवित होते है। महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ हंसा शुक्ला ने कहा की महाविद्यालय मे समय समय पर अतिथि व्याख्यान का आयोजन होता रहता है जिससे छात्राओं को समसामयिक मुद्दों की गंभीरता को समझ पाते है।
कार्यक्रम के अंत मे संयोजिका डॉ रचना पान्डे सहायक प्राध्यापक एजुकेशन विभाग ने धन्यवाद ज्ञापन दिया, कार्यक्रम को सफल बनाने में सहायक प्राध्यापक निशा सोनी, पूजा सोढ़ा, श्रद्धा यादव ने विशेष योगदान किया।