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गर्भ संस्कार महोत्सव गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज

Jan 4, 2022
Punsavan Sanskar Enters the Golden Book

बेमेतरा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बेमेतरा जिले के बेरला विकासखण्ड के ग्राम सिलघट (भिंभौरी) में जिला स्तरीय गर्भ संस्कार महोत्सव के कार्यक्रम मे शामिल हुए। अखिल विश्व गायत्री परिवार के तत्वाधान मे आयोजित कार्यक्रम मे लगभग 525 गर्भवती महिलाओं का पुंसवन संस्कार किया गया। इतनी बड़ी संख्या में एक साथ गर्भ संस्कार को गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस पुनीत कार्य के लिये डॉ चिन्मय पंड्या और गायत्री परिवार को धन्यवाद दिया। कार्यक्रम मे उपस्थित गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, खाद्य एवं संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया, देव संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ चिन्मय पंड्या, राज्यसभा सांसद श्रीमती छाया, बेमेतरा विधायक आशीष कुमार छाबड़ा ने गर्भवती माताओं को आशीर्वाद देकर गर्भस्थ शिशुओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
श्री बघेल ने कहा कि हमारी धार्मिक परंपरा और संस्कृति सदियों से उच्च रही है। अर्जुन की पत्नी सुभद्रा और पुत्र अभिमन्यु का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि किस तरह अभिमन्यु ने माता के गर्भ में ही चक्रव्यूह तोड़ने के संबंध में ज्ञान प्राप्त कर लिया था। श्री बघेल ने कहा कि माता की गतिविधियों का प्रभाव गर्भस्थ शिशु पर पड़ता है। माता ही शिशु की प्रथम गुरू होती है।
गायत्री परिवार के संस्थापक आचार्य श्रीराम शर्मा के बारे में बताते हुए श्री बघेल ने कहा कि देश के नव निर्माण में उनका बड़ा योगदान है। उन्होंने समाज सुधार, शिक्षा पर्यावरण का संरक्षण, दहेज उन्मूलन एवं कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने मे आजीवन कार्य किया। वे स्वाधीनता आंदोलन के दौरान राष्ट्र पिता महात्मा गांधी, गुरुदेव रविन्द्रनाथ टैगोर, महामना मदन मोहन मालवी के संपर्क मे आये और आजादी की लड़ाई में चेतना जागृत की। उन्होंने ऐसे परिवार की स्थापना की है जो 70 देशों तक फैला है। उन्होंने गायत्री परिवार के 50वीं वर्षगांठ के लिए सभी को शुभकामनाएं दी।
उल्लेखनीय है कि गायत्री परिवार द्वारा एक से सात माह के गर्भधारण किये महिलाओं के गर्भ में पल रहे शिशु के लिये गर्भाधान संस्कार हिन्दू रीति के अनुसार किया जाता है। इस संस्कार में वैदिक मंत्रों के द्वारा गर्भ पूजन किया जाता है। हिन्दू शास्त्रों के अनुसार 84 वे लाख योनि में मनुष्य के रूप में जन्म मिलता है। इस संस्कार में मनुष्य जन्म के पूर्व जन्मों के दोषों को वैदिक मंत्रों के द्वारा दूर कर गर्भस्थ शिशु का शुद्धिकरण किया जाता है। पुंसवन संस्कार जीवन के सोलह संस्कारों में प्रथम संस्कार माना जाता है।
महोत्सव में एक साथ 525 से अधिक गर्भवती महिलाओं के गर्भस्थ शिशुओं के गर्भ संस्कार को गोल्डेन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया। गोल्डेन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के इण्डिया हेड श्री अलोक कुमार ने इसका प्रमाण पत्र डॉ चिन्मय पंड्या जी को सौंपा।
डॉ. चिन्मय पंड्या ने गायत्री मंत्र की महिमा बताते हुए कहा कि मानव के कल्याण के लिए यह मंत्र जरुरी है जो मनुष्य के मन मस्तिष्क को बल प्रदान करता है। गर्भस्थ शिशु को मंत्रों के जरिए चेतना प्रदान की जा सकती है। डॉ. पड्या ने संत ज्ञानेश्वर, संत तुकाराम, संत एकनाथ, संत नामदेव के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। विधायक बेमेतरा आशीष कुमार छाबड़ा ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
इस अवसर पर कलेक्टर बेमेतरा विलास भोसकर संदीपान, पुलिस अधीक्षक धमेन्द्र सिंह, जिला पंचायत सीईओ लीना मंडावी, जिला कमेटी के अध्यक्ष बंशी पटेल, सरपंच ग्राम पंचायत सिलघट संध्या टिकरिया, जनपद सदस्य पूजा टिकरिया सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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