दुर्ग। विद्यार्थी स्टार्टअप एवं स्वरोजगार के बारे में सोच विचार करें। बढ़ती जनसंख्या के कारण प्रत्येक विद्यार्थी को शासकीय नौकरी मिल पाना संभव नहीं है। अतः बेहतर जीवन यापन के लिए विद्यार्थियों को स्टार्टअप, उद्यमिता एवं स्वरोजगार के प्रयास करने चाहिए। ये उद्गार हेमचंद यादव विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ अरूणा पल्टा ने व्यक्त किये।
डॉ पल्टा विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित नेताजी सुभाषचन्द्र बोस को समर्पित 05 दिवसीय उत्पादन सह विक्रय प्रदर्शनी के समापन समारोह में उपस्थित महाविद्यालय के प्राचार्यों, प्राध्यापकों, तथा विद्यार्थियों को संबोधित कर रही थीं। कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूर्णतः पालन करते हुए आयोजित इस प्रदर्शनी में दुर्ग विश्वविद्यालय परिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले श्री शंकराचार्य महाविद्यालय जुनवानी भिलाई, स्वामी श्री स्वारूपानंद महाविद्यालय हुडको भिलाई, भिलाई महिला महाविद्यालय, सांई महाविद्यालय सेक्टर 06 भिलाई, घनश्याम सिंह आर्य कन्या महाविद्यालय दुर्ग, देव संस्कृति कॉलेज ऑफ एजुकेशन खपरी दुर्ग के प्राध्यापकों एवं छात्र-छात्राओं द्वारा हस्त निर्मित सामाग्रियां एवं कलाकृतियां विक्रय हेतु प्रदर्षित की गई थी।
विभिन्न छात्र-छात्राओं को स्वरोजगार की तरफ प्रेरित करने के उद्देश्य से आयोजित इस प्रदर्शनी में महाविद्यालयों के स्टॉल में विक्रय की गई सामग्री से छात्र -छात्राओं को कुल 48920/- रूपये की आय हुई।
विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण, डॉ प्रशांत श्रीवास्तव ने बताया कि उपरोक्त 05 महाविद्यालयों के 14 छात्र-छात्राओं तथा 11 प्रभारी प्राध्यापकों ने प्रतिदिन अपने-अपने स्टॉल के समक्ष उपस्थिति देकर प्रदर्शनी के आयोजन में सहयोग किया। प्रदर्शनी में छात्र-छात्राओं द्वारा निर्मित औषधीय पौधे, फलावर पॉट, हस्त निर्मित जूट बैग्स, आचार, पापड़ अन्य खाद्य सामाग्री, वस्त्र आभूषण आदि को प्रदर्षनी देखने वालों ने क्रय किया। प्रदर्शनी के दौरान श्री शंकराचार्य महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ रक्षा सिंह, स्वामी श्री स्वारूपानंद महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ हंसा शुक्ला, भिलाई महिला महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ संध्या मदन मोहन, सांई महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ डी. बी. तिवारी, डॉ ममता सिंह, घनश्याम सिंह आर्य कन्या महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ मृदुला वर्मा एवं उपप्राचार्य डॉ नीतु सिंह, डॉ निशा श्रीवास्तव, देव संस्कृति कॉलेज ऑफ एजुकेशन की डायरेक्टर ज्योति शर्मा, डॉ ममता शर्मा एवं प्राचार्य डॉ कुबेर गुरूपंच के साथ-साथ विष्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ सी. एल. देवांगन एवं समस्त अधिकारी उपस्थित थें।