दुर्ग। देश में लैंगिक भेदभाव तेजी से मिट रहा है। लड़का हो या लड़की, आज दोनों खाना पकाना सीखते हैं ताकि कहीं भी जाकर रह सकें, अपना काम स्वयं कर सकें। प्रत्येक क्षेत्र में दोनों साथ-साथ काम कर रहे हैं। लड़के भी होमसाइंस पढ़ रहे हैं और नर्स भी बन रहे हैं। उक्त उद्गार अपर कलेक्टर पद्मिनी भोई साहू ने साइंस कालेज में व्यक्त किये।अपर कलेक्टर शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय में आयोजित अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस समारोह को मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि महिलाओं को अच्छा दिखने, अच्छा करने, आगे बढ़ने और अपना विकास करने का अधिकार है। महिला दिवस केवल एक दिन ही क्यों, यह रोज होना चाहिए। उन्होंने मतदाता जागरूकता हेतु आयोजित प्रतियोगिताओं की जानकारी देते हुए अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने का आह्वान किया। अंत में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष मतदान करने हेतु सभी को शपथ दिलाई।
विशिष्ट अतिथि उपजिलाधीश जागेश्वर कौशल ने कहा कि लैंगिक भेदभाव एक कुरीति है जिसे दूर करने सतत प्रयास करने चाहिए। यह दायित्व हम सबका है। यदि किसी महिला के साथ लैंगिक भेदभाव हो तो इसकी जानकारी विभाग या संस्था को जरूर दें जिससे उसे दूर किया जा सके।
अध्यक्षीय उद्बोधन में महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ एम ए सिद्दीकी ने कहा की महिला परिवार बसाती है, परिवार से घर तथा देश बनाती है। उनके विकास में यदि कोई बाधा आती है तो पुरुषों को कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग करना चाहिए। राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की महिलाओं ने बड़े-बड़े काम किए हैं। उन्हें अपना रोल मॉडल बनाकर आगे बढ़ना चाहिए।
आरंभ में महिला प्रकोष्ठ की संयोजक डॉ अलका तिवारी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाए जाने के इतिहास की जानकारी दी। महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई की छात्रा हेमलता साहू, प्रेरणा वासनिक एवं अनिता तिर्की ने भावपूर्ण गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में डॉ. अनुपमा अस्थाना, डॉ. जगजीत कौर सलूजा, डॉ. नूतन राठौर, डॉ बलजीत कौर, डॉ मंजू कौशल, डॉ शिखा अग्रवाल, डॉक्टर प्रज्ञा कुलकर्णी, डॉ प्राची भारद्वाज, डॉ एल.के. भारती के अलावा बड़ी संख्या में प्राध्यापक, रासेयो स्वयंसेवक तथा विद्यार्थी उपस्थित थे। संचालन जैनेंद्र दीवान एवं मानसी यदु ने किया तथा आभार ज्ञापन डॉ मीना मान ने किया।