दुर्ग/निकुम। शासकीय नवीन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ जोशी ने कहा है कि महिलाएं अपने आप में सशक्त हैं। उन्होंने खुद को साबित करने के लिए अपने अस्तित्व को संकट में डालने की जरूरत नहीं है। जरूरत केवल सूझबूझ के साथ आगे बढ़ने की है। वे शासकीय महाविद्यालय निकुम में आयोजित महिला दिवस संगोष्ठी को मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित कर रहे थे। मेजबान शासकीय महाविद्यालय निकुम के प्राचार्य यासर कुरैशी ने महिलाओ को अपने वित्तीय अधिकारों के प्रति सचेत रहने की सलाह दी गई। उन्होंने कहा कि लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण दोनों ही वैश्विक समस्या हैं और शिक्षा के अलख के द्वारा ही इसे दूर किया जा सकता है।
सहायक प्राध्यापक अर्थशास्त्र चन्दन गोस्वामी ने कहा कि लैंगिक समानता की दिशा में भारत आगे बढ़ा है। विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है पर घरेलू मामलों में आज भी उसकी राय को महत्व नहीं दिया जाता। इसमें सुधार के लिए सबको आगे आना होगा। स्वीप का भी उद्देश्य यही है कि महिलाएं अपने राजनीतिक हक को समझें और आगे आएं।
सहायक प्राध्यापक वाणिज्य पूजा सोढ़ा ने कहा की महिलाये अपने आप में सशक्त है। छात्रायें उच्च शिक्षा हासिल कर अपना मुकाम बनाएं। अपनी रुचि के अनुसार क्षेत्र चुनें तथा व्यक्तित्व का विकास करें।
कार्यक्रम संयोजक सहा. प्राध्यापक अंजू रानी ठाकुर ने कहा कि नारी शक्ति है। शक्ति ही सृष्टि का सृजन करती है।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में समस्त अतिथि व्याख्याताओ एवं छात्र छात्राओ का विशेष योगदान रहा।