भिलाई। श्री शंकराचार्य महाविद्यालय में प्रतिवर्ष विश्व गौरैया दिवस मनाया जाता है। 20 मार्च को इसी उपलक्ष्य में गौरैया के लिए घोंसले बनाने की कार्यशाला का आयोजन किया गया। इन घोंसलों को महाविद्यालय परिसर के साथ ही शिक्षक एवं विद्यार्थी अपने अपने घरों में पेड़ों पर लटकाएंगे। इसके साथ ही गौरैया के लिए पानी की भी व्यवस्था करेंगे ताकि हमारे घरों में रहने वाला इस परिन्दे की जरूरतें पूरी हों।गौरैया दिवस गौरैया की संरक्षण संवर्धन के साथ साथ शहरी वातावरण में रहने वाले अन्य पक्षियों के प्रति जागरूकता लाने के लिए मनाया जाता है। देखा गया है कि शहरीकरण और पर्यावरण प्रदूषण के कारण वृक्ष भी कम होते जा रहे हैं जिसके कारण परिन्दों का अस्तित्व संकट में आ गया है। गौरैया की संख्या में भी कमी दिखाई दे रही है। इस समस्या के निदान हेतु महाविद्यालय की वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ अर्चना झा के नेतृत्व में कृत्रिम घोसला निर्माण का प्रशिक्षण दिया गया।
इस वर्ष विश्व गौरैया दिवस की थीम आई लव स्पैरो है। हमें गौरैया से ना सिर्फ प्यार करना है बल्कि इसके संरक्षण के लिए भी कदम उठाने हैं। इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु श्री शंकराचार्य महाविद्यालय सदैव से ही संकल्पित रहा है।
महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ जे दुर्गा प्रसाद राव ने कहा कि गौरैया संरक्षण के लिए अपने घरों के चारों ओर वृक्ष लगाए जाने चाहिए। उनके लिए पानी की व्यवस्था की जानी चाहिए तथा पेड़ों पर उनके लिए आशियाने बनाए जाने चाहिए।