• Mon. May 6th, 2024

Sunday Campus

Health & Education Together Build a Nation

श्री शंकराचार्य महाविद्यालय में पौधों को दिया क्यूआर कोड

Mar 1, 2022
Plant QR Coding done on Science Day at SSMV

भिलाई। श्री शंकराचार्य महाविद्यालय में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर पौधों को क्यूआर कोड दिया गया। क्यूआर कोड स्कैन करने पर पौधों के विषय में समस्त जानकारी प्राप्त हो जाती है। इसका लाभ औषधीय पौधों को पहचानने तथा क्विक रिफरेंस के लिए किया जा सकता है। इस अवसर पर विज्ञान में डॉ सीवी रमन के योगदान को एक बार फिर रेखांकित किया गया।
बताया गया कि साइंस शब्द की उत्पत्ति लेटिन भाषा के शब्द Scientia से हुई है। जिसका अर्थ होता है जानना। इसीलिए नई खोज करने वाले विशेषज्ञों को वैज्ञानिक कहा जाता है। आज हम ऐसे भारतीय वैज्ञानिक एवं फिजिसिस्ट की बात कर रहे हैं जिन्होंने भौतिकी के क्षेत्र में अपना अमूल्य योगदान दिया। उनके इस काम के लिए उन्हें 1930 में नोबेल पुरुस्कार से सम्मानित किया गया। वे ऐसे पहले एशियाई भारतीय हैं जिन्हें फिजिक्स के क्षेत्र में नोबेल प्राइज प्राप्त हुआ।
एक बार चंद्रशेखर समुद्री यात्रा कर रहे थे और उन्होंने देखा कि पानी का तो कोई रंग नहीं है परंतु फिर भी समुद्र का रंग नीला दिखाई दे रहा है। प्रश्न उपस्थित हुआ कि समुद्र का रंग नीला क्यों दिखाई देता है और उसके बाद उन्होंने प्रत्येक पारदर्शी ट्रांसपेरेंट वस्तु पर ध्यान दिया कि उसमें रंग कहां से आया और लगातार 7 वर्षों तक रिसर्च करने के बाद दिनांक 28 फरवरी 1928 को उन्होंने रमन प्रभाव की खोज की।
दुनिया के सामने रमन प्रभाव को प्रमाणित करने के लिए उन्होंने रमन प्रभाव के लिए उपयोग में आने वाला यंत्र स्पेक्ट्रोस्कोप भी स्वयं ही विकसित किया। उन्होंने बताया कि रमण प्रकीर्णन या रमण प्रभाव फोटोन कणों के लचीले वितरण के बारे में है। इसकी खोज प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक श्री सी वी रमन ने की थी। रमन प्रभाव के अनुसार जब कोई एकवर्णी प्रकाश द्रवों और ठोसों से होकर गुजरता है तो उसमें आपतित प्रकाश के साथ अत्यल्प तीव्रता का कुछ अन्य वर्गों का प्रकाश देखने में आता है।
हर साल की तरह इस साल भी श्री शंकराचार्य महाविद्यालय में विज्ञान दिवस मनाया गया तथा इसमें विज्ञान विभाग के बॉटनी] जूलॉजी] माइक्रोबायोलॉजी और बायो टेक्नोलॉजी के विद्यार्थियों द्वारा पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया तथा प्रतियोगिता के निर्णायक पूर्णिमा दीक्षित एवं राजश्री नायर थे। नई तकनीक क्यूआर कोड QR CODE उपयोग करते हुए मेडिसिनल प्लांट एवं लैबोरेट्री इंस्ट्रूमेंट बनाना सिखाया गया। विद्यार्थियों को तथा महाविद्यालय की प्राचार्य एवं डायरेक्टर डॉ- रक्षा सिंह, अति- निर्देशक डॉ जे दुर्गा प्रसाद राव ने रमन के कार्य तथा योगदान को याद करते हुए विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित किया।

Leave a Reply