भिलाई। जगदगुरू शंकराचार्य कॉलेज ऑफ एजूकेशन में डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती के उपलक्ष्य में भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्राचार्या डॉ. वी. सुजाता ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. भीमराव अंबेडकर एवं संविधान के बारे में बताया। भाषण प्रतियोगिता में छात्रों ने डॉ. भीमराव अम्बेडकर के जीवन, उनकी शिक्षा-दीक्षा, उनके सामाजिक अनुभवों, अस्पृश्यता, निम्न जातियों के साथ घृणा तथा छुआछूत की भावना पर तात्कालिक भाषण दिये।
इस प्रतियोगिता में बी.एड. चतुर्थ सेमेस्टर की छात्रा उमा तुलावी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। उसने डॉ. भीमराव अम्बेडकर को समाज सुधारक बताते हुए उनके साहस तथा उनके द्वारा किये गये प्रयासों पर विचार व्यक्त किये। बी.एड. द्वितीय सेमेस्टर के छात्र हरीश चंदेल ने डॉ. अंबेडकर को महान शिक्षाविद तथा उन्हें संविधान समिति का अध्यक्ष बनाना एक अभूतपूर्व घटना बताया। उन्होंने बताया कि आज भारत की कानून व्यवस्था जिसके अनुसार हमारे देश का शासन चलाया जा रहा है उसमें डॉ. अंबेडकर का अमूल्य योगदान है इसी तरह भावना शर्मा ने संविधान की व्याख्या करते हुए कहा कि हमारा संविधान विश्व का सबसे व्यापक, विस्तृत एवं लिखित संविधान है इसमें विभिन्न धाराओं के तहत नियमों की व्यवस्था है। बी.एड. चतुर्थ सेमेस्टर छात्र भोलाराम ने संविधान बनने तथा इसकी समिति के सदस्यों के बारे में बताया तथा कहा कि कोई भी संस्था या देश सुनिश्चित नियमों तथा अनुशासन के द्वारा ही अच्छी तरह संचालित होती है तथा संविधान में निहित अधिकारों की व्याख्या की। कार्यक्रम का सफल संचालन बी.एड. द्वितीय सेमेस्टर की छात्रा जान्हवी शर्मा ने किया। महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापको एवं छात्रो की उपस्थिति सराहनीय रही।