भिलाई। आग जब तक इंसान के नियंत्रण में रहती है, उसके लिए सैकड़ों काम करती है। पर यही आग जब उसके नियंत्रण से बाहर हो जाती है तो सबकुछ जलाकर राख कर देती है। केपीएस कुटेलाभाठा के बच्चों ने ऐसे ही बेकाबू आग पर नियंत्रण का विज्ञान सीखा। इसके लिए बच्चों ने अपने शिक्षकों के साथ भिलाई इस्पात संयंत्र की अग्निशमन सेवा का परिभ्रमण किया। यह देश की सबसे बड़ी औद्योगिक अग्निशमन सेवा इकाई है।
बच्चे अपने शिक्षकों के नेतृत्व में सुबह ही अग्निशमन सेवा परिसर पहुंच गए थे। वे अपने चारों तरफ भारी भरकम फायर फाइटिंग मशीनों को देखकर चकित थे। भिलाई अग्निशमन सेवा के चीफ फायर ऑफिसर बीके महापात्रा ने विद्यार्थियों को बताया कि अलग-अलग तरह की आग पर काबू पाने का तरीका अलग-अलग होता है। इसलिए उसकी पहचान जरूरी होती है। उन्होंने विभिन्न प्रकार की आग को बुझाने की तकनीक का जीवंत प्रदर्शन किया एवं बच्चों को भी “डू इट योरसेल्फ” के जरिए अग्निशमन उपकरणों का उपयोग करना सिखाया।
श्री महापात्र ने बताया कि भिलाई अग्निशमन सेवा के पास 12 अग्निशमन वाहन ऐसे हैं जिनमें से प्रत्येक की कीमत लगभग 3 करोड़ रुपए है। इसके साथ ही 2 हाइड्रोलिक प्लेटफार्म युक्त अग्निशमन वाहन भी हैं जिनमें से प्रत्येक की कीमत लगभग 8 करोड़ रुपए है। हाइड्रोलिक प्लेटफार्म युक्त वाहन से सीधे आठवीं मंजिल पर पहुंचा जा सकता है। इसका उपयोग न केवल अग्निशमन के लिए बल्कि ऊंचाई में फंसे हुए लोगों को रेस्क्यू करने के लिए भी किया जा सकता है। टीचर्स ने हाइड्रोलिक प्लैटफार्म पर सवार होकर लगभग 35 मीटर की ऊंचाई से अपने शहर का अवलोकन भी किया।
इस अवसर पर डिप्टी फायर ऑफिसर संजय धावस, फायर स्टेशन ऑफिसर श्री दिनेश, केपीएस के चेयरमैन एमएम त्रिपाठी, वरिष्ठ प्राचार्य मानस सेन, प्राचार्य मृदु लखोटिया, उप प्राचार्य श्री दुष्यंत एवं प्रशासक श्री आदित्य सहित अन्य शिक्षकगण मौजूद थे।