भिलाई। देवसंस्कृति महाविद्यालय के वाणिज्य विभाग के विद्यार्थियों ने स्थानीय तौर पर मार्केटिंग की संभावना को तलाशने के लिए आज मुक्ता भुवाल नर्सरी का भ्रमण किया। कुटेला भाठा स्थित इस नर्सरी में 300 से भी ज्यादा किस्म के पौधे हैं पर विपणन की कोई तकनीक नहीं होने के कारण यह इकाई घाटे में है। महाविद्यालय की टीम ने नर्सरी उत्पादों के विक्रय के लिए डिजिटल टूल्स पर विस्तार से चर्चा की जिसमें नर्सरी संचालक के साथ विद्यार्थियों ने भी हिस्सा लिया।
भुवाल नर्सरी के संचालक डॉ भुवाल ने बताया कि यहां 300 से भी ज्यादा किस्म के हजारों पौधे हैं। इनमें चारा, छोटा पौधा, थोड़ा बड़ा और पूर्ण विकसित पौधा उपलब्ध है। इनमें ऐसे फलदार पौधे भी हैं जिन्हें लगाकर तत्काल फल प्राप्त किया जा सकता है। पर समयाभाव के कारण वे इसकी मार्केटिंग नहीं कर पाते।
नर्सरी की दिव्या सागरवंशी एवं ज्योति पटेल ने बताया कि यहां औषधीय, सुगंधित पुष्प, ऑक्सीजन प्लांट्स के अलावा विभिन्न प्रकार के पुष्पों के पौधे उपलब्ध हैं। पूरी नर्सरी हरी जाली से ढंकी हुई है जिसमें सीलिंग माउंटेड स्प्रिंकलर की मदद से पानी का छिड़काव किया जाता है। उन्होंने महाविद्यालय की छात्राओं को विभिन्न पुष्पों का परिचय देते हुए उनके लाभ के बारे में भी बताया।
बीकाम की छात्राएं ज्योति, दीपिका, स्वाति एवं अन्य के अलावा इस अवसर पर प्राचार्य डॉ कुबेर सिंह गुरुपंच एवं सहायक प्राध्यापक दीपक रंजन दास मौजूद थे। श्री दास ने नर्सरी संचालक एवं विद्यार्थियों को नर्सरी के पौधों की बिक्री बढ़ाने के ऑनलाइन टूल्स की जानकारी दी तथा मार्केटिंग प्लान के विषय में भी चर्चा की।