दुर्ग। आधुनिक कृषि वैज्ञानिकी के विभिन्न आयामों का अध्ययन करने हेतु शासकीय वि.या.ता. स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय के सुक्ष्मजीव विज्ञान विभाग के स्नातकोत्तर विद्यार्थियों ने अंचल के सुप्रसिद्व इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के आधुनिक अनुसंधान प्रयोगशालाओं का भ्रमण किया।
इस भ्रमण कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने आर.एच. रिछारिया अनुसंधान प्रयोगशाला, विश्वरिकार्ड प्राप्त छत्तीसगढ़ के धान के प्रकारों के जर्म प्लाज्म का संग्रहण, टिशू कल्चर प्रयोगशाला, मार्कर जीन चयन प्रयोगशाला, आण्विक जीवविज्ञान एवं जैव प्रोद्योगिकी प्रयोगशाला आदि में चल रही परियोजनाएं, संबंधित उपकरण एवं तकनीकी हस्तांतरण से संबंधित जानकारी प्राप्त की। विद्यार्थियों को खाद्य पदार्थों में भारी धातुओं के संदुषण के परीक्षण तथा सुक्ष्मजीव आधारित जैवनियंत्रण तकनीक का विस्तार से अध्ययन किया। साथ ही विश्वविद्यालय के विस्तार कार्यक्रम से संबंधित सुभाष चंद्र बोस बायोटेक्नालाॅजी इन्क्यूबेशन सेंटर (जैव उर्वरक उत्पादन इकाई) के कार्यकलापों को विस्तार से जाना।
विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय के संग्रहालय में रखे छत्तीसगढ़ के पारंपरिक कृषि साधन एवं यंत्रो की विकास यात्रा का रोमांचक अनुभव प्राप्त किया। संपूर्ण भ्रमण के दौरान विश्वविद्यालय के प्राध्यापक डाॅ. अनिल कोटस्थाने ने विद्यार्थियों को विभिन्न प्रयोगशालाओं में व्यक्तिगत प्रशिक्षण प्रदान किया। शैक्षणिक भ्रमण में महाविद्यालय की प्राध्यापक नीतु दास, अनामिका शर्मा एवं प्रिया साव ने सहयोग प्रदान किया।