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कॉलेज अभी नहीं शुरू कर सकेंगे यूजी/पीजी प्रथम वर्ष की प्रवेश प्रक्रिया

May 20, 2022
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दुर्ग। हेमचंद यादव विश्वविद्यालय से सम्बद्ध 143 शासकीय एवं निजी महाविद्यालयों को स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू करने से पहले उच्च शिक्षा विभाग के मार्गदर्शी सिद्धांतों का इंतजार करने के निर्देश दिये गये हैं। इसके साथ ही उन्हें जानकारी दी गई कि नए शैक्षणिक सत्र में महाविद्यालयों को एनएसएस कैम्प के लिए मिलने वाली राशि में वृद्धि कर दी गई है। साथ ही सभी महाविद्यालयों को आगाह किया गया है कि वे अपने कालेजों में दाखिला बढ़ाने ऐसे हथकण्डों से बचें जिससे शासन के आदेशों का उल्लेघन होता हो।
हेमचंद यादव विश्वविद्यालय की कुलपति डाॅ. अरूणा पल्टा ने विश्वविद्यालय से सम्बद्ध 143 महाविद्यालयों के प्राचार्यों की आॅनलाईन बैठक लीं। उन्होंने नये शैक्षणिक सत्र 2022-23 में स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर पर प्रथम वर्ष में प्रवेश, शोध छात्र-छात्राओं की समस्याओं का निराकरण, विश्वविद्यालयीन परीक्षाओं में मूल्यांकन प्रक्रिया तथा एनएसएस कैम्प हेतु शासन द्वारा राशि में की गई वृद्धि आदि बिन्दुओं की विस्तार से जानकारी दीं।
यह जानकारी देते हुए अधिष्ठाता छात्र कल्याण, डाॅ. प्रशांत श्रीवास्तव ने बताया कि बैठक के दौरान कुलसचिव भूपेन्द्र कुलदीप, समस्त अधिकारी, अपर संचालक उच्च शिक्षा, डाॅ. सुशीलचन्द्र तिवारी सहित 143 महाविद्यालयों के प्राचार्य आॅनलाईन उपस्थित थे। उन्होंने विश्वविद्यालय में नये वित्त अधिकारी सुशील गजभिये की नियुक्ति की जानकारी दी।
कुलपति डाॅ. पल्टा ने कहा कि जब तक उच्च शिक्षा विभाग द्वारा अकादमिक कैलेण्डर तथा सत्र 2022-23 हेतु प्रवेश के मार्गदर्शी सिद्धांत जारी नहीं कर दिये जाते तब तक कोई भी शासकीय अथवा निजी महाविद्यालय स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर पर प्रथम वर्ष में प्रवेश की प्रक्रिया आरंभ न करें। उन्होंने निजी महाविद्यालयों से आग्रह किया कि प्रवेश संख्या बढ़ाने की होड़ में वे कोई भी ऐसा कार्य न करें जिससे शासन के आदेशों का उल्लंघन होता हो।
डाॅ. पल्टा ने प्राचार्यों को बताया कि विश्वविद्यालय के अंतर्गत लगभग 15 से अधिक शोध केन्द्र हैं। इन सभी शोधकेन्द्रों को निर्देशित किया जाता है कि वे किसी भी संकाय में शोधरत् छात्र-छात्रा को उसकी आवश्यकता के अनुरूप प्रयोगशाला का उपयोग, लाइब्रेरी, कम्प्यूटर लैब तथा अन्य सुविधाओं का लाभ प्रदान करें। डाॅ. पल्टा ने कहा कि शोध छात्र-छात्राओं से उन्हें लगातार शोधकेन्द्रों में आ रही परेषानियों की षिकायत मिल रही है। सभी प्राचार्य अपने-अपने शोधकन्द्रों के रिसर्च गाइड तथा रिसर्च स्काॅलर की बैठक लेकर उनकी समस्याओं का निराकरण करें।
विश्वविद्यालय में चल रही वार्षिक परीक्षाओं के मूल्यांकन कार्य को गंभीरता पूर्वक संपादित करने के निर्देष भी डाॅ. पल्टा ने दिये। बैठक में उपस्थित अपर संचालक, उच्च शिक्षा डाॅ. सुशील चन्द्र तिवारी ने कहा कि परीक्षा संबंधी समस्त कार्य जैसे- पेपर सेटिंग, मूल्यांकन,
वीक्षकीय कार्य आदि सभी प्राध्यापकों हेतु आवष्यक सेवा के अंतर्गत आते हैं। अतः कोई भी प्राध्यापक बिना किसी ठोस कारण के परीक्षा संबंधी किसी भी कार्य को करने से मना न करें। बैठक के अंत में डाॅ. प्रशांत श्रीवास्तव ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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