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स्वरूपानंद महाविद्यालय में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

May 21, 2022
Two day workshop in SSSSMV

भिलाई। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय के प्रबंधन विभाग द्वारा दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। प्रथम दिवस में केके मोदी यूनिवर्सिटी के संयुक्त तत्वावधान में प्रबंधन विभाग द्वारा वन डे वर्कशाप हार्वर्ड मैनेज मेन्टोर प्रेसेंटेशन स्किल्स फ़ॉर इंटर्नशिप ओपरचुनीटीस का आयोजन किया गया। स्टूडेंट्स को एक सही दिशा देने के लिये इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए सहायक प्राध्यापक खुशबू पाठक विभागाध्यक्ष प्रबंधन विभाग ने कहा कि स्टूडेंट्स के लिये पढाई के साथ साथ इंटर्नशिप के नये नये एवं बेहतर अवसर उप्लब्ध हैं। ऐसे कार्यक्रम से विद्यार्थियों को कैंपस सिलेक्शन तथा अन्य इंटरव्यू का अभ्यास होता हैं।
डॉ दीपक शर्मा, सीओओ ने कहा कि आज के युवा को मल्टी टास्किंग होना चाहिये पढाई के साथ साथ इंटर्नशिप के माध्यम से ही ये संभव हो पायेगा। इस तरह के आयोजन से विद्यर्थियों का संपूर्ण विकास संभव होता है तथा भविष्य में महाविद्यालय में होने वाले कैंपस सिलेक्शन में बेहतर प्रदर्शन दे पायेंगे।
डॉ हंसा शुक्ला, प्राचार्या ने कहा कि वर्तमान समय के प्रतिस्पर्धात्मक परिदृश्य मे युवाओं को नियमित पढाई के साथ साथ इंटर्नशिप के बहुत सारे विकल्प मौजुद है बस उन्हे अवसरो को पहचान कर आगे बढने की आवश्यकता है।ऐसे आयोजन से विद्यर्थियों में इंटरव्यू के प्रति भय कम होता हैं एवं आत्म विश्वास बढ़ता हैं।
जिसमे मुख्य वक्ता के के मोदी यूनिवर्सिटी की प्रमुख डॉ असमा शोरा रहीं साथ ही के के मोदी के ब्रांडिंग हैड श्री सत्यम खन्ड़ेलवाल ने इंटर्नशिप के बेहतर अवसरो पर अपने विचार दिये।
डॉ असमा ने कार्यक्रम की शुरुआत भागीदारी युक्तियां बताते हुए की उन्होंने संचार का अर्थ बताते हुए इसका मूल संवेदना को स्पष्ट किया। उन्होंने बताया कि प्रेजेंटेशन में आप कैसे कहते हैं यह मायने रखता है और प्रेजेंटेशन में मौखिक भाषा का 10% प्रभाव रहता है बाकी प्रभाव बॉडी लैंग्वेज का होता हैं। उन्होंने प्रेजेंटेशन में लिसनिंग के महत्व के पर प्रकाश डाला।
डॉ असमा ने आइस ब्रेकिंग एक्टिविटी सॉल्व द मर्डर मिस्ट्री करवाई। उन्होंने विद्यार्थियों को अपनी रुचि के किसी भी विषय में प्रेजेंटेशन प्रस्तुत करने को कहा। विद्यर्थियों को अपनी प्रस्तुति के माध्यम से दर्शकों को अपनी बात स्वीकार करवानी थी।
डॉ असमा ने अच्छी प्रेजेंटेशन की प्रक्रिया बताई जैसे कैसे अपना उद्देश्य स्पष्ट करे, अपने संदेश को क्रिस्टॉलाइज करे, सामग्री तैयार करे एवं उच्च प्रभाव वाला मीडिया बनाए। उन्होंने बताया कि प्रेजेंटेशन स्लाइड में विजुअल ज्यादा एवं टैक्स्ट कम रखना चाहिए।सत्यम् खन्ड़ेलवाल सर ने स्टूडेंट्स को इंटर्नशीप से संबंधित जानकारी देते हुये कहा की उन्हे इंस्टाग्राम और लिंक्डइन मे अपनी प्रोफाइल बनाकर अपने स्किल्ल् को सही रुप से प्रेजेंट करना चाहिये तभी उन्हे इंटर्नशीप के लिये नये नये अवसर उनके स्किल के आधार पर मिल सकेंगे।
बीबीए 6 , सेमेस्टर की छात्रा श्रेया, सृष्टि और अपूर्वा ने एजुकेशन विषय पर प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया। बीबीए 4 सेमेस्टर के छात्र घनेंद्र, प्रणव एवं आयुष ने पर्यावण विषय पर प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया।
शुभम गोयल एजुकेशनल काऊन्सलर के के मोदी यूनिवर्सिटी ने कार्यक्रम को सफल बनाने मे योगदान दिया
दीपली किंगरानी सहायक प्राध्यापक प्रबंधन विभाग ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।
दूसरे दिवस में सिमर बी स्कूल के सयुक्त तत्वावधान मे प्रबंधन विभाग द्वारा वन डे वर्कशाप ऑन इंटरव्यू स्किल्स का आयोजन किया गया।
डॉ. अखिलेश सिंह ने साक्षात्कार से पहले उम्मीदवार को क्या करने की आवश्यकता है, यह स्पष्ट करते हुए कार्यशाला सत्र की शुरुवात की। उन्होंने कहा कि सबसे पहले उम्मीदवारों को अपने बारे में, अपने पर्यावरण और कंपनी या संगठन के बारे में शोध करना होगा जिसमें वे आवेदन कर रहे हैं। उम्मीदवारों को कई बार अपने उत्तरों का पूर्वाभ्यास करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जॉब इंटरव्यू का सही मतलब स्वयं की मार्केटिंग हैं।उन्होंने कहा कि किसी भी साक्षात्कार का पहला प्रश्न “अपने बारे में बताओ”? होता हैं।इस प्रश्न के लिए उम्मीदवारों को अपने बारे में, अपने परिवार के सदस्यों, जिस वातावरण से वे संबंधित हैं, हॉबीज, स्ट्रेंग्ट्स, वीकनेसेस के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए।परिवार पर सवाल इसलिए पूछा जाता है क्योंकि यह उम्मीदवार की पारिवारिक संस्कृति के बारे में बताता है।
हॉबीज पर सवाल इसलिए पूछे जाते हैं ताकि यह पता लगाया जा सके क्या कैंडिडेट अपनी रूचि के विषय में संपूर्ण जानारी रखता हैं।स्टेंग्ट्स का उल्लेख इसलिए किया जाता है क्योंकि यह किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आवश्यक गुणों के बारे में बताती हैं।
यह महत्वपूर्ण है कि जॉब प्रोफाइल की मुख्य आवश्यकता उम्मीदवारों की कमजोरी नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने वर्कशॉप के अंत में कहा कि उत्तर दिए गए प्रश्नों की संख्या के आधार पर उम्मीदवार को नौकरी नहीं मिलती है बल्कि नौकरी मिलना उम्मीदवार और संगठन की संस्कृति और कौशल के बीच मेल पर आधारित है।
श्री विनय भारद्वाज काऊन्सलर सिमर बी स्कूल ने कार्यक्रम को सफल बनाने मे योगदान दिया।
दीपली किंगरानी सहायक प्राध्यापक प्रबंधन विभाग ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।

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