दुर्ग। शासकीय डाॅ. वा. वा. पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय की यूथ रेडक्राॅस इकाई द्वारा आपदा प्रबंधन जागरूकता कार्यक्रम के तहत विभिन्न आयोजन किये गए। महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. सुशील चन्द्र तिवारी ने कहा कि आपदा प्रबंधन का कार्य अलग-अलग स्तर पर किया जाता है। अन्तर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय स्तर पर जहाँ प्राधिकरण कार्यरत है वहीं घरेलू एवं सामुदायिक स्तर पर भी प्रबंधन हेतु संगठन कार्य कर रहे हैं। जिनका मुख्य उद्देश्य जीवन सुरक्षा, बचाव की पूर्व तैयारी, आपदा के बाद सामान्य जीवन की ओर लौटाना है। सभी को स्वस्थ एवं सुरक्षित जीवन प्रदान करना है।
प्रभारी प्राध्यापक डाॅ. रेशमा लाकेश ने कहा कि आपदा उन दुर्घटनाओं या गंभीर घटनाओं से संबंधित है जो प्राकृतिक या मानवीय कारणों से होती है। आपदा प्रबंधन आपदाओं के प्रभावों को कम करने की एक सतत प्रक्रिया है जो सामूहिक प्रयासों से सफल होती है। उन्होंने जानकारी दी की शीघ्र ही विशेषज्ञों के द्वारा इस की ट्रेनिंग दी जावेगी।
महाविद्यालय की प्राध्यापक ज्योति भरणे ने कहा कि प्राकृतिक पंच तत्वों-पृथ्वी, जल, आकाश, वायु, अग्नि से सदैव सचेत रहना चाहिए तथा उन्होेने कहा किआपदाएँ समय-समय पर आती है जिसके बचाव के लिए जानकारी का होना आवश्यक है। इस अवसर पर यूथ रेडक्राॅस की वालंटियर तथा अनेक छात्राएँ उपस्थित थी जिन्होंने प्रश्नों के माध्यम से जानकारी प्राप्त की।