भिलाई। एमजे कालेज ऑफ नर्सिंग एवं एमजे कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में विश्व जनसंख्या दिवस पर विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। नर्सिंग की छात्राओं ने इस अवसर पर एक नाटक का मंचन भी किया जिसमें बच्चे ज्यादा होने पर परिवार में आने वाली समस्याओं को रेखांकित किया गया।
कॉलेज ऑफ नर्सिंग के प्राचार्य डैनियल तमिल सेलवन ने विश्व जनसंख्या दिवस के इस वर्ष के थीम पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन के उपायों को जन-जन तक पहुंचाने में नर्सों की बड़ी भूमिका होती है। उन्होंने आबादी बढ़ने से होने वाली आर्थिक, सामाजिक परेशानियों पर भी प्रकाश डाला।
महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर के निर्देश पर आयोजित इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कालेज शिक्षा विभाग की अध्यक्ष तथा आईक्यूएसी प्रभारी डॉ श्वेता भाटिया ने कहा कि आज देश की आबादी 138 करोड़ को पार कर रही है। वैश्विक आबादी भी 175 करोड़ को पार कर रही है। इससे जीवन के संसाधनों पर अतिरिक्त दबाव पड़ रहा है और तरह तरह के संघर्ष सामने आ रहे हैं।
वाणिज्य एवं प्रबंधन संकाय के सहायक प्राध्यापक दीपक रंजन दास ने जनसंख्या वृद्धि के कारणों को स्पष्ट करते हुए कहा कि आज परिवारों में बच्चे कम हो रहे हैं फिर भी आबादी बढ़ रही है। वैज्ञानिक प्रगति और स्वास्थ्य सेवाओं की गांव-गांव तक पहुंच के कारण शिशु मृत्यु दर और मातृत्व मृत्य दर में काफी गिरावट आई है। दूसरी तरफ जीवन प्रत्याशा में भी काफी वृद्धि हुई है। यही आबादी बढ़ने का मूल कारण है जिसे समझना होगा।
नर्सिंग की सहा. प्राध्यापक ममता सिन्हा ने कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए विश्व जनसंख्या दिवस को मनाए जाने की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर बीएससी नर्सिंग फाइनल की छात्राओं ने एक नाटक खेला। इसमें एक परिवार को दिखाया गया जिसमें 9 बेटियां स्कूल जाती हैं और बेटी गोद में हैं। परेशान पिता सभी के लिए स्कूल ड्रेस, कापी किताब, जूते आदि की व्यवस्था नहीं कर पा रहा है। घर में झगड़े हो रहे हैं, मारपीट हो रही है। छात्राओं ने यह संदेश देने के कोशिश की कि लड़का हो या लड़की बच्चा एक या दो ही होना चाहिए।