दुर्ग। शासकीय डाॅ. वा. वा. पाटणकर कन्यास्नातकोत्तर महाविद्यालय में यूथ रेडक्राॅस के तत्वाधान में बढ़ती जनसंख्या नियंत्रण जागरूकतामें युवाओं की भूमिका पर संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्राचार्य डाॅ. सुशील चन्द्र तिवारी ने अपने संदेश में कहा कि बढ़ती जनसंख्या का दुष्परिणाम जैसे गरीबी, कुपोषण, अशिक्षा, बेरोजगारी, आदि देश के विकास में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं। अतः ये आवश्यक हो गया है कि युवा इस समस्या के निवारण में अपनी भूमिका निभायें एवं जनसंख्या नियंत्रण जागरूकता की दिशा में सक्रिय पहल करे।
यूथ रेडक्राॅस प्रभारी डाॅ. रेशमा लाकेश ने बताया कि इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनिया भर में बढ़ती आबादी से जुड़ी समस्याओं के प्रति लोगों को जागरूक करना है। साथ ही यह आवश्यक है कि छात्रायें शारीरिक, मानसिक एवं आर्थिक रूप से परिपक्व होने के पश्चात ही माँ बनने का कठिन दायित्व ग्रहण करें और उचित लालन-पालन कर समाज को श्रेष्ठ नागरिक प्रदान करें।
वंदना बंजारे ने विवाह की आयु बढ़ाने, छोटा परिवार सुखी परिवार एवं परिवार नियोजन के महत्व की जानकारी दी।
छात्रा उर्वशी निर्मल ने शिक्षा के अभाव को जनसंख्या वृद्धि का एक बड़ा कारण बताया जबकि फातिमा निजामी ने रूढ़ीवादी सोच एवं लड़के की चाह, रेणु सिन्हा ने कहा कि वंश आगे बढ़ाने के लिये पुत्र प्राप्ति को दोषी माना गया है। एकता के अनुसार युवाओं में परिवार नियोजन की जानकारी का अभाव इस समस्या को बढ़ा रहा है। सुरूचि साहू ने इस वर्ष की थीम ‘8 बिलियन की दुनिया सभी के लिये एक लचीले भविष्य की ओर अवसरों का दोहन और सभी के लिये अधिकार और विकल्प सुनिश्चित करना’ बताया।
इस अवसर पर यूथ रेडक्राॅस वालिंटियर्स ने स्लोगन के माध्यम से जनसंख्या विस्फोट के दुष्परिणामों की जानकारी दी।