भिलाई। श्री शंकराचार्य महाविद्यालय के हिंदी विभाग द्वारा प्रेमचंद जयंती के शुभ अवसर पर कलम के सिपाही, क्रांतिकारी व समाज सुधारक प्रेमचंद जी से संबंधित प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया गया। जिसमें शासकीय व अशासकीय विद्यालय के विद्यार्थियों को वीडियो के माध्यम से बंद दरवाजा लघु कथा दिखाई गई तथा उससे संबंधित प्रश्न पूछे गए 70ः से अधिक अंक प्राप्त विद्यार्थियों को ही प्रमाण पत्र दिया गया।
कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष एवं उप प्राचार्य डॉक्टर अर्चना झा ने कहा कि प्रेमचंद जी के साहित्य से विद्यार्थियों को परिचित कराना , हिंदी साहित्य में प्रेमचंद जी के योगदान को समझना तथा बंद दरवाजे के माध्यम से उनकी लेखनी को गहराई से समझने का प्रयास कराना था तथा मुंशी प्रेमचंद जी के साहित्य में समाज की संवेदना समाहित है उन्होंने जीवन की समस्याओं पर विचार किया है और अपनी कहानियों के माध्यम से उनका समाधान भी बताया है।
महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ जे दुर्गा प्रसाद राव ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि बीसवीं सदी के महान उपन्यासकार कथाकार मुंशी प्रेमचंद अपने रचना कर्म के माध्यम से सुधि पाठकों के हृदय में अपना स्थान बनाने में सफल रहे हैं ना केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी उनकी रचनाएं व इनका व्यक्तित्व लोगों को आकर्षित करता रहा है। उक्त कार्यक्रम को सफल बनाने में विभाग के अन्य प्राध्यापक डॉ श्रद्धा मिश्रा तथा मंजू मिश्रा का योगदान रहा।