रायपुर। ग्राम पंचायतों और नगरीय निकायों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए अब विषय विशेषज्ञ मैदान में उतरेंगे. वे मौके पर जाकर जानेंगे कि आखिर पंचायतों और निकायों की माली हालत खराब क्यों है और इसे बेहतर कैसे किया जा सकता है. इसका प्लान तैयार कर राज्य वित्त आयोग को देंगे। आयोग इस रिपोर्ट को सरकार को सौंपकर प्लान के अनुरूप काम करने की अनुशंसा करेगी. कुछ वर्ष पहले छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय ने भी ऐन यही प्रस्ताव राज्य सरकार को दिया था. अब इसके नतीजे आने लगे हैं.
गांव-गांव में सर्वेक्षण का यह काम अब तक एनजीओ किया करते थे. वे पैसा भी काफी लेते थे. वे चुनिंदा निकायों-पंचायतों में रैंडम सर्वे करते थे. इसके कारण मूल समस्याएं समग्र रूप में सामने ही नहीं आ पाती थीं. रिपोर्ट में आंकड़े तो आ जाते थे, पर अनुसंधान नहीं आता था. विशेषज्ञों की रिपोर्ट में इनपुट के आधार पर जनता की समस्याएं, पंचायतों व निकायों की वास्तविक जरूरत सामने आएंगी. शुक्रवार को राज्य वित्त आयोग और विश्वविद्यालय व कॉलेज के बीच इस का एमओयू किया गया. एमओयू के अनुसार रिपोर्ट तीन महीने में बनानी होगी. विशषज्ञों को भी इससे जोड़ने के विकल्प को खुला रखा गया है.
विशेषज्ञों की ये टीम प्रदेश की 11,664 ग्राम पंचायतों, 169 निकायों, 14 नगर निगमों, 43 नगर पालिकाओं, 112 नगर पंचायतों, 27 जिला पंचायतों और 146 जनपद पंचायतों में जाकर काम करेगी. राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष एवं पूर्व एसीएस सरजियस मिंज ने बताया कि स्थानीय विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के अध्ययन एवं अनुसंधान के क्षेत्र में काम रहे प्राध्यापकों से आर्थिक रिपोर्ट बेहतर मिलेगी. साथ ही यह आयोग की रिपोर्ट को स्थानीयता एवं व्यापकता देगा.
वर्तमान में ज्यादातर पंचायतों और निकायों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. वे टैक्स तक नहीं ले पा रहे हैं. सरकार जो कुछ उन्हें देती है उससे ही काम चलता है. रायपुर, बिलासपुर, कोरबा नगर निगम की स्थिति ठीक है. अफसरों के मुताबिक सरकार मदद न करे तो कई पंचायतों व निकायों में काम ही न हो.
इन्हें सौंपी गई जिम्मेदारी : रविशंकर विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के विभागाध्यक्ष डाॅ रविन्द्र ब्रम्हे नगरीय स्थानीय निकायों के आय-व्यय का विश्लेषण एवं जनता की संतुष्टि का अध्ययन करेंगे. इसी तरह डॉ राधाबाई शासकीय नवीन कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, रायपुर में अर्थशास्त्र के सहायक प्राध्यापक डॉ विनोद कुमार जोशी राज्य के ग्राम पंचायतों के स्वयं के कर राजस्व को बढ़ाए जाने का अध्ययन करेंगे. राजनांदगांव व बस्तर जिले की ग्राम पंचायत की सेवा स्तर पर बेंचमार्किंग पर शासकीय दिग्विजय स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय राजनांदगांव में वाणिज्य संकाय की सहायक प्राध्यापक रागिनी काम करेंगी.
यह होंगे लाभ : डाटा में वास्तविकता होगी, एकेडमिक पर्सन से जानकारी का लाभ मिलेगा, पंचायतों के बैंच मार्क तय होंगे तथा समस्याओं की समग्र जानकारी मिलेगी.