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घर-घर हिन्दी पहुंचाए बिना हिन्दुस्तान हिन्दुस्तान नहीं होगा – नरेश ‘नाज’

Sep 28, 2022
Hindi poetry recital at GMU Sambalpur

गंगाधर मेहेर विश्वविद्यालय में हिंदी पखवाड़ा के अंतर्गत कवि सम्मेलन

संबलपुर। गंगाधर मेहेर विश्वविद्यालय तथा महिला काव्य मंच ओड़िशा इकाई द्वारा हिंदी पखवाड़ा के अंतर्गत कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एन, नागाराजू ने कुलसचिव जुगलेश्वरी दाश एवं उप कुलसचिव डॉ. उमा चरण पति, महिला काव्य मंच ओड़िशा ईकाई की अध्यक्ष प्रो. कमल प्रभा कपानी एवं हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो. सदन कुमार पॉल की उपस्थिति में औपचारिक रूप से समारोह का उद्घाटन किया।
समारोह में नरेश ‘नाज’ संस्थापक अध्यक्ष महिला काव्य मंच, वरिष्ठ साहित्यकार मधु ‘मधुमन’, वरिष्ठ साहित्यकार कीर्ति प्रकाश गुप्त ‘मधुमय संबलपुरी’ तथा अध्यक्ष, महिला काव्य मंच ओड़िशा इकाई प्रो. कमल प्रभा कपानी ने अपने काव्य पाठ द्वारा समारोह में भरपूर तालियां बटोरी। नाज ने हिन्दी पर अपनी कविता सुनाते हुए कहा कि ‘घर घर हिन्दी पहुंचाने का जब तक अभियान नहीं होगा तो फिर हिन्दुस्तान यनिकनन हिन्दुस्तान नहीं होगा, ‘राष्ट्रवाद की अलख जगाना होगा, ‘ऊंचे सुर में ना करो मात पिता से बात, उनके सर के सामने अपनी क्या औकात जैसी कविता सुनाया। मधुमन ने दिल से ‘दिल को जोड़ने का नाम है हिन्दी’, ‘फुल खिला तो खूशबू खूद ही फैल गई, मधुसूदन साहा ने ‘हिन्दी को इस देश में मिले मान सम्मान, संसद की शोभा यही राष्ट्र का सम्मान, प्रो. सदन कुमार पॉल ने ‘गुमनाम हुआ तो क्या हुआ तो प्रो. कमल प्रभा कपानी ‘बेटिया घर आंगन की फुलबारियाँ जैसी भाव विह्ल कर देनेवाली कविता सुनाया। तकनीकी द्वारा आॅनलाइन दूर दराज बैठे कवियों को सुनने का मौका मिला जिसमें अनेक वरिष्ठ साहित्यकार जुड़े रहे। हिंदी भाषा और साहित्य के उत्थान हेतु इस काव्य पाठ का आयोजन सुनिश्चित किया गया जिसमें श्री कीर्ति प्रकाश गुप्त ‘मधुमय संबलपुरी’ को सम्मानित किया गया। सुब्रतो दे एवं सुप्रभा सामल की अध्यक्षता में आयोजित इस कवि सम्मेलन में प्रो. सदन कुमार पॉल, वरिष्ठ साहित्यकार मधुसूदन साहा, श्रीमती जुगलेश्वरी दाश, सत्या शर्मा कीर्ति, डॉ.दाशरथी बेहेरा, श्रीमती प्रभा दीक्षित, प्रो.जंग बहादुर पांडे, डॉ. संतोषिनी दास, श्रीमती सावित्री मिश्रा, डॉ. मंजूरानी सिंह, डॉ. अजय राय, डॉ. रंजन सेठी, संगीतकार मोतीलाल दोरा ने अपनी स्वरचित कविता पाठकर दर्शकों को जहां भाव विभोर कर दिया वहीं गुदगुदाया। विश्व में हिंदी साहित्य का डंका बजाते वरिष्ठ साहित्यकारों के साथ-साथ शोधार्थी दीपिका चौहान, रीतिका खत्री, दिवाकर साहू, मुन्ना सहानी, मनोज बेहेरा, केशव सुनानी, सिमरन त्रिपाठी, षडानन दुआन, गायत्री बाग तथा हेमंती साहू ने समारोह में अपनी कविताओं से दर्शकों को खूब आनंद प्रदान किया। साहित्य प्रेमी कविगण हिंदी के साथ-साथ ओड़िआ एवं अंग्रेजी भाषा में भी काव्य पाठ किया। अध्यापिका डॉ. प्रणती बेहेरा, शोधार्थी स्मृति स्मरणिका जेना, विनीता विस्वाल, दमयंती मारंडी तथा मनोज मेहेर के संयोजन में समारोह का आयोजन सफल रहा। कार्यक्रम की संचालिका शोधार्थी दीपिका चौहान एवं रीतिका खत्री रहे।

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