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शंकराचार्य महाविद्यालय के शिक्षा विभाग में स्टेटिकल एनालिसिस कार्यशाला

Nov 28, 2022
Workshop on Statistical Analysis at SSMV

भिलाई. शंकराचार्य महाविद्यालय जुनवानी, भिलाई एवं डाइट दुर्ग के संयुक्त तत्वावधान में 26 से 28 नवम्बर तक “स्टेटिकल एनालिसिस एंड इंटरप्रेटिशन यूसिंग एस.पी़.एस.एस. फाॅर रिसर्च“ विषय पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. मुख्य अतिथि डाॅ. रजनी नेल्सन, प्राचार्य, डाइट, दुर्ग उपस्थित रहीं. महाविद्यालय की प्राचार्या डाॅ. अर्चना झा ने स्वागत भाषण के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया.
प्राचार्या डाॅ. अर्चना झा अनुसंधान के क्षेत्र में आने वाली समस्याओं तथा शोधार्थियों को गणना संबंधी त्रुटियों एवं समस्याओं से निजात दिलाने के लिए एस.पी.एस.एस. के महत्ता के विषय में जानकारी दी. महाविद्यालय के अकादमिक डीन, डाॅ. जे. दुर्गा प्रसाद राव ने कार्यशाला के विषय एस.पी.एस.एस. माॅडल के संबंध में जानकारी प्रदान करते हुए बताया कि वर्तमान में हम 28वाँ माॅडल एडवांस टेक्निक पर कार्यकर रहे हैं. उन्होंने बताया कि 2008 से अब तक इसमें बहुत अंतर आया है. हम ग्राफ, कैल्कुलेशन, ट्रेबूलेशन जैसे समस्याओं को तुरंत हल कर लेते हैं. इसे हम जितना अधिक उपयोग करेंगे उतना ही हमारा ज्ञान इस क्षेत्र में बढ़ता जाएगा. यदि समस्या आती है हम उसका तुरंत समाधान कर लेंगे. यदि हम इसका ओरिजनल वर्जन उपयोग करेंगे उतना ही अच्छा रहेगा. प्लेगेरिजम की संभावना भी खत्म हो जाएगी.
मुख्य अतिथि डाॅ. रजनी नेल्सन ने अपने उद्बोधन में कहा कि रिसर्च एक साइंटिफीक एटीट्यूड है, यह जब तक व्यक्ति की विचार में नहीं आएगा तब तक वह बेहतर इंसान नहीं होगा. यह सोच हमें सामान्य से अलग विशिष्ट बना देती है. उन्होंने अपने जीवन अनुभव को साझा किया और कहा कि आप जो भी मिशन और विजन लेकर चल रहे हैं उसे जरूर पूरा करें. उन्होंने कहा कि जब हम किसी के लिए दीप जलाते हैं तो हमारा भी रास्ता उजाला होता है. अतः इस कार्यशाला के माध्यम से आप सभी रिसर्च की बारिकियों को सीखें, समझे और अनुसंधान में प्रयोग करें. डाॅ. रजली नेल्सन को सीड बाॅल एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया.
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डाॅ. शिशिरकना भट्टाचार्य, सहायक प्राध्यापक, डाइट दुर्ग ने अपने वक्तत्व प्रारंभ करते हुए कहा कि हम किस प्रकार अपने कार्य को मूर्त रूप दे सकते हैं. इसे एक उदाहरण देकर समस्या के समाधान का प्रयास किया. उन्होंने एक्पेरिमेंटल एवं एक्शन रिसर्च को स्पष्ट करने का प्रयास किया और उदाहरण स्वरूप हेलमेट पहनने की अभिवृत्ति तथा महिलाओं में केश सज्जा के प्रति अभिवृत्ति विषय पर रिसर्च करने का आप्शन बताया. उन्होंने विभिन्न प्रकार के अनुसंधान, डाटा, हाइपोथिसिस, चर, गणना, टी-टेस्ट एवं को-रिलेशन, एनोवा के अंतर्गत वन-वे एनोवा एवं टू-वे एनोवा, वेल्यू इन को-रिलेशन, एनोवा के उपयोग जैसे विभिन्न अनुसंधान के चरणों पर विस्तृत जानकारी प्रदान की.
दूसरे दिन के कार्यक्रम के प्रमुख वक्ता डाॅ. महेन्द्र कुमार साहू सहायक प्राध्यापक मैट्स युनिवर्सिटी रायपुर उपस्थित रहें उन्होने अनुसंधान में सामान्य संभावना वक्र डिग्री आॅफ फ्रीडम, टी-मूल्य, कांफिडेंस लेवल, टाईप वन एरर, टाईप टु एरर, मैट्रिक्स, पैरा मैट्रिक्स का प्रयोग किन-किन परिस्थितियों के बारे में जानकारी प्रदान की. एस.पी.एस.एस. में कार्य करने के कोड सीट डिस्क्रिटिव एनालिसिस आदि अनुसंधान की बारिकियों को बताते हुए एस.पी.एस.एस. द्वारा एनालिसिस करने की तकनीक को विभिन्न उदाहरणों के माध्यमों से समझाने का प्रयास किया. एस.पी.एस.एस. एनालिसिस करते समय आने वाली कठिनाईयों से अवगत कराते हुए उसके समाधान की प्रक्रिया को भली-भाॅति समझाया साथ ही शोधार्थियों द्वारा पूछे गये सवालों को निराकरण कर प्रत्येक समस्याओं का समाधान किया.
कार्यशाला के तीसरे व अंतिम दिन का कार्यक्रम आनलाईन के माध्यम से आयोजित किया गया. कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डाॅ. विनोद सेन, सहायक प्राध्यापक इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक (म.प्र.) रहे. उन्होंने रिसर्च रिपोर्ट राइटिंग के बारे में जानकारी प्रदान की. रिपोर्ट क्या है? रिपोर्ट लिखने में कौन-कौन से नियमों व सावधानियों का उपयोग करना चाहिए? रिसर्च मैथेडोलाॅजी, आरगनाइजेशन आॅफ रिपोर्ट, चेक लिस्ट एवं बिबिलियोग्राफी आदि लिखने की शैली के बारे में जानकारी प्रदान की. शोधार्थियों द्वारा पूछे गये प्रश्नों का संतोषप्रद उत्तर दिए.
कार्यक्रम का समावलोकन डाॅ. महेन्द्र कुमार साहू ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन आई.क्यू.ए.सी. के कोर्डिनेटर डाॅ. राहुल मेने ने किया. इस कार्यषाला के आयोजन पर श्री गंगाजली षिक्षण समिति के चेयरमैन श्री आई.पी. मिश्रा एवं अध्यक्ष श्रीमती जया मिश्रा ने हार्दिक बधाई दी.
कार्यक्रम का संचालय डाॅ. वंदना सिंह ने किया. महाविद्यालय के नैक कोआर्डिनेटर श्री संदीप जसवंत ने अनुसंधान में एस.पी.एस.एस. और डाटा के महत्व पर प्रकाश डाला.
इस कार्यशाला में महाविद्यालय के आई.क्यू.ए.सी. के कोर्डिनेटर डाॅ. राहुल मेने, समस्त प्राध्यापकगण एवं विभिन्न महाविद्यालय के प्राध्यापकगण एवं शोधार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे .

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