दुर्ग. शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय की महिला प्रकोष्ठ द्वारा 26 नवम्बर को महिला स्वास्थ्य एवं स्वच्छता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. नगर के सुप्रसिद्ध चिकित्सक डॉ संगीता सिन्हा आमंत्रित थीं. डॉ सिन्हा ने महिला स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के संबंध में विस्तार से बातचीत की. उन्होंने कहा कि हमारा शरीर स्वस्थ रहेगा तभी हमारा मन भी स्वस्थ रहेगा. मन चंगा तो कठौती में गंगा. कोई भी कार्य करने के लिए शरीर तथा मन का स्वस्थ्य रहना आवश्यक है.
डॉ सिन्हा ने कहा कि स्त्री सन्तान को जन्म देती है ,प्रकृति ने उन्हें पुरुष से ज्यादा शक्ति प्रदान किया है . कहा जाता है कि स्त्री कमजोर होती है पर यह सही नहीं है वह पुरुष की अपेक्षा ज्यादा शक्तिवान( स्ट्रांग) होती है. उन्होंने आगे कहा कि अलग-अलग वय में हार्मोनल परिवर्तन होते रहते हैं हार्मोनल परिवर्तन से कुछ बीमारियां भी होती हैं. हार्मोन परिवर्तन की पहचान हो जाए तो बीमारियों को पहचानने में सुविधा होती है .
उन्होंने शरीर के विभिन्न अंगों मे होने वाली बीमारियों तथा उससे बचने के उपाय भी बताए. इन बीमारियों से बचने के लिए सतर्कता और स्वच्छता आवश्यक है. इसके साथ ही उपयुक्त आहार-विहार, व्यायाम, योगाभ्यास, भरपूर निद्रा तथा आराम आवश्यक है. यदि शरीर में किसी तरह की तकलीफ हो खासकर मेंसिस पीरिएड (मासिक धर्म) के समय तो उससे डरने के बजाय डॉक्टर से सलाह लें, शारीरिक मानसिक रूप से कोई परिवर्तन के लक्षण दिखाई दे तो निराशा व अवसाद से बचें, बेहतर होगा अकेले न रहें. जो भी तकलीफ हो उसे माता-पिता या मित्र से साझा करे, ज्यादा कष्ट हो तो चिकित्सक की सहायता लें. स्वस्थ रहने के लिए स्वच्छता बहुत जरूरी है, उसका ध्यान रखें.
कार्यक्रम के आरंभ में महिला प्रकोष्ठ की संयोजक डॉ सोमाली गुप्ता ने डॉ सिन्हा एवं डॉ साहू का औपचारिक स्वागत किया. व्याख्यान के बाद विद्यार्थियों ने स्वास्थ्य संबंधी अनेक प्रश्न किए जिसका डॉ सिन्हा ने समाधन किया. कार्यक्रम के अंत में डॉ शिखा अग्रवाल ने धन्यवाद ज्ञापित किया. कार्यक्रम में महिला प्रकोष्ठ की संयोजक डॉ सोमाली गुप्ता, डॉ शिखा अग्रवाल ,डॉक्टर तरलोचन कौर, डॉ मंजू कौशल, डॉक्टर दिव्या कुमुदिनी मिंज, डॉ. मर्सी जार्ज एवं डॉ कुसुमांजलि देशमुख के अलावा बड़ी संख्या में-छात्राए उपस्थित थीं.