भिलाई। 24 और 25 नवम्बर को हेमचन्द यादव विश्वविद्यालय में छत्तीसगढ़ के विभिन्न शीर्षकों से संबंधित दो दिवसीय प्रदर्शनी लगाई गई थी. 25 महाविद्यालयों को अलग-अलग शीर्षक प्रदान किये गये थे. श्री शंकराचार्य महाविद्यालय को छत्तीसगढ़ के धार्मिक स्थल शीर्षक प्रदान किया गया था. महाविद्यालय ने शैव, बौद्ध, जैन, ईसाई, मुस्लिम और वैष्णव मार्ग से संबंधित मंदिरों का निर्माण मिट्टी से किया.अन्य धार्मिक स्थलों को जिलों के अनुसार प्रदर्शित किया गया था.
महाविद्यालय के स्टाल का एक प्रमुख आकर्षण विभिन्न धार्मिक चिन्हों का प्रदर्शन पूजन सामग्री के प्रयोग से किया गया था. वहीं उपेक्षित मंदिरों एवं दर्शनीय स्थलों को प्रदर्शित करने के लिए गोबर के छेने का प्रयोग किया गया था. स्टाल में लगाई हुई माँ काली का मुख चित्र बरबस ही लोगों का ध्यान आकर्षित करने में समर्थ रहा. दशांग, धुप, आगरबत्ती और ज्वलंत दियों से स्टाल का वातावरण पूर्णतः धर्मस्थल होने का अहसास करा रहा था. आगंतुकों का स्वागत भी तिलक लगाकर किया जा रहा था. प्रदर्शन सामग्री का निर्माण बेकार पडे़ पेपर एवं अन्य सामग्री का प्रयोग कर किया गया था.
इस स्टाल में एक धार्मिक स्थल से दूसरे धार्मिक स्थल की दूरी माईल स्टोन के माध्यम से प्रदर्शित की गई थी. इसके लिए भी वेस्ट मटीरियल का उपयोग किया गया था. मंदिर और मूर्तियों का निर्माण महाविद्यालय के छात्र लोमेश साहू के द्वारा किया गया था. अन्य सामग्री का निर्माण सिद्ध राजपूत के द्वारा किया गया. विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. अरूणा पल्टा, प्रथम दिवस की मुख्य अतिथि डाॅ. ममता चन्द्राकर एवं द्वितीय दिवस के मुख्य अतिथि डॉ एमके वर्मा द्वारा भी की गई.