भिलाई. एमजे कॉलेज में सुरों के बेताज बादशाह मोहम्मद रफी साहब को उनके 99वें जन्मदिवस पर स्वरांजलि दी गई. इस कार्यक्रम में एमजे समूह के तीनों महाविद्यालयों के साथ ही छत्तीसगढ़ तथा उत्तर प्रदेश के एमओयू पार्टनर महाविद्यालयों ने भी शिरकत की. इस खुली प्रतियोगिता में महाविद्यालय के पूर्व छात्रों ने भी सहभागिता दी. प्रतिभागियों ने एकल एवं युगल गीतों से सुर सम्राट का पुण्य स्मरण किया.
महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर की प्रेरणा से आयोजित इस कार्यक्रम में निर्णायक की भूमिका एमओयू पार्टनर कालेज श्री शंकराचार्य महाविद्यालय की सहायक प्राध्यापक डॉ लक्ष्मी वर्मा एवं रफी साहब की गायकी के मुरीद अनुभव जैन ने निभाई. निर्णायकों ने भी रफी साहब के नज्मों को आवाज दी.
ऑनलाइन-ऑफलाइन मोड में आयोजित इस प्रतियोगिता का प्रथम पुरस्कार एसएस खन्ना गर्ल्स डिग्री कालेज प्रयागराज (इलाहाबाद) की बीएड की छात्रा आरुषि मोहन को दिया गया. मेजबान एमजे कालेज के बीएड के छात्र अर्जुन साहू को उपविजेता का पुरस्कार प्रदान किया गया. इस अवसर पर एमजे कालेज के एलुमनाई जसविंदर सिंह, सहायक प्राध्यापकगण नेहा महाजन, ममता एस राहुल, आराधना तिवारी, दीपक रंजन दास, प्रीति देवांगन एवं उपस्थित विद्यार्थियों ने भी रफी साहब के गाए गीतों को अपनी आवाज दी. इस अवसर पर सहायक प्राध्यापक गण स्नेहा चन्द्राकर, अलका साहू, पीएम अवन्तिका, सलोनी बासु, कृतिका गीते, सेवकराम देवांगन, ग्रंथपाल प्रकाश चंद्र साहू, आदि उपस्थित थे.
समापन समारोह के मुख्य अतिथि महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने सभी प्रतिभागियों को बधाई देते हुए जीवन में गीत एवं संगीत के महत्व को प्रतिपादित किया. उन्होंने कहा कि गीत संगीत के माध्यम से न केवल भावों को बेहतर अभिव्यक्ति दी जा सकती है बल्कि यह आधुनिक जीवन तनाव पूर्ण व्यस्तता से हमें राहत भी देती है. यह एक ऐसी विधा है जिसे शौक के साथ साथ करियर के तौर पर भी अपनाया जा सकता है.