राजनांदगांव. कॉन्फ्लूएंस कॉलेज की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई एवं यूथ रेडक्रास के संयुक्त तत्वाधान में विश्व एड्स दिवस पर मानव श्रृंखला निर्माण, पोस्टर प्रतियोगिता एवं रैली का आयोजन हुआ. प्राचार्य डॉ.रचना पांडे के निर्देशन एवं एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी प्रो.विजय मानिकपुरी के नेतृत्व में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रो. विजय मानिकपुरी ने कहा एड्स एक ऐसी बीमारी है जिसका इलाज अभी तक खोजा नहीं जा सका है. अतः बचाव ही इसका एकमात्र इलाज है.
उन्होंने बताया कि हर साल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक दिसंबर को एड्स दिवस मनाया जाता है. इसकी शुरुआत 1988 में हुई थी. यदि विश्व की बात करें तो लगभग 4 करोड़ से अधिक लोग इससे मृत्यु को प्राप्त कर चुके हैं और 8 करोड़ से अधिक लोग संक्रमित एवं प्रभावित हैं. राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई एवं रेड क्रॉस विभाग के माध्यम से जन जागरूकता हेतु रैली, मानव श्रृंखला एवं पोस्टर प्रदर्शनी तैयार किया गया जिससे जागरूकता पैदा की जा सके. विश्व एड्स दिवस दुनिया भर में एचआईवी संक्रमित लोगों के साथ एकजुटता दिखाने का अवसर है लोग लाल रिबन के माध्यम से इस जागरूकता अभियान में सम्मिलित हैं.
प्राचार्य डॉ.रचना पांडे ने कहा कि प्रारंभिक संक्रमण के बाद पहले कुछ हफ्तों में व्यक्ति को किसी भी प्रकार के लक्षणों का अनुभव नहीं होता. बुखार, सिर दर्द, शरीर, गले में खराश आदि इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं. इन सब के प्रति लोगों में जागरूकता लाना आवश्यक है. अभियान के द्वारा विद्यार्थियों के साथ ही समाज के विभिन्न वर्गों में जागरूकता लाने के प्रयास किये जा रहे हैं जो एड्स की रोकथाम की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा.
महाविद्यालय डायरेक्टर डॉ मनीष जैन, संजय अग्रवाल, आशीष अग्रवाल ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि एड्स की बीमारी के बचाव के लिए सबसे सही कदम लोगों को इस बीमारी से अवगत कराना एवं बचाव हेतु जागरूक करना है.
जागरूकता अभियान में प्रीति इंदौरकर विभागाध्यक्ष शिक्षा, मंजूलता साहू आइक्यूएसी प्रभारी, राधे लाल देवांगन, धनंजय साहू महाविद्यालय के प्राध्यापक एवं बीएड.विभाग तथा नर्सिंग विभाग के विद्यार्थियों की सहभागिता रही.