अंडा, दुर्ग. शैलदेवी महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने जगन्नाथ पुरी का तीन दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण किया. उन्होंने भगवान जगन्नाथ के दर्शन किये तथा जगन्नाथ संस्कृति को समझने का प्रयास किया. साथ ही आंचलिक विज्ञान केन्द्र से अनेक जानकारियां प्राप्त की. इस भ्रमण में महाविद्यालय के बीएससी बीएड (चतुर्थ वर्ष) के विद्यार्थी शामिल हुए. 14 से 16 दिसम्बर के बीच आयोजित इस भ्रमण कार्यक्रम के बाद विद्यार्थियों ने अपने अनुभव साझा किये.
शैलदेवी महाविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों को किताबी ज्ञान के साथ-साथ प्रायोगिक ज्ञान देने के लिए भ्रमण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. विद्यार्थियों ने इऩ तीन दिनों में पुरी के साथ ही ओड़ीशा की राजधानी भुवनेश्वर के महत्वपूर्ण स्थलों का भी अध्ययन किया. विद्यार्थियों ने इन स्थानों पर विज्ञान के क्षेत्र में होने वाले अनुसंधान कार्यों को भी देखा और समझा.
विद्यार्थियों ने पुरी में भगवान जगन्नाथ के दर्शन के बाद कोणार्क का ऐतिहासिक सूर्यमंदिर भी देखा. साथ ही चंद्रभागा के समुद्रतट पर मौज-मस्ती भी की. भुवनेश्वर के धौलागिरी पहाड़ी पर बने शांति स्तूप का भ्रमण किया. यहा सम्राट अशोक के जीवन से जुड़े तथ्यों को जाना. महात्मा बुद्ध के जीवन को दर्शाती कई मूर्तियां भी यहां सहेजी हुई हैं. उन्होंने प्रसिद्ध लिंगराज मंदिर के भी दर्शन किये. यह देश के प्राचीनतम मंदिरों में से एक है. यह मंदिर त्रिभुवनेश्वर (शिव) को समर्पित है. यह मंदिर कलिंग और द्रविड़ स्थापत्यकला का बेजोड़ नमूना है.
विद्यार्थियों ने 1080 एकड़ में फैले नन्दनकानन जूलॉजिकल पार्क का भी भ्रमण किया तथा वन्य प्राणियों एवं वनस्पति की जानकारी प्राप्त की. अंत में आंचलिक विज्ञान केन्द्र में 3डी मूवी के द्वारा पृथ्वी के निर्माण एवं समुद्रीय जीवन के बारे में जाना. उन्होंने तारामंडल में भी आकाश को देखा.